KNEWS DESK- देश आज 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है — एक ऐसा दिन जो भारत के वीर जवानों की अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान की याद दिलाता है। इस अवसर पर पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। द्रास में आयोजित मुख्य समारोह में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्र को संबोधित किया।
सेना प्रमुख ने अपने भाषण की शुरुआत इन्हीं पंक्तियों से की और कहा कि आज हम सिर्फ एक युद्ध नहीं, बल्कि उस भावना, उस दृढ़ संकल्प और त्याग को याद कर रहे हैं, जो कारगिल युद्ध के रणबांकुरों ने दर्शाया था।
जनरल द्विवेदी ने अपने भाषण में हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत ने तय किया था कि इस बार का उत्तर निर्णायक होगा। हमने पाकिस्तान के भीतर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, वो भी बिना किसी निर्दोष को नुकसान पहुंचाए।”
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सेना को पूरी छूट दिए जाने के बाद पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब दिया गया। स्पेशल फोर्स की मदद से यह ऑपरेशन बेहद सटीक और सीमित समय में पूरा किया गया। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प है, संदेश है और उत्तर भी।”
सेना प्रमुख ने कहा कि लद्दाख में सेना की तैनाती और रक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार मजबूत किया जा रहा है। सड़क और पुल निर्माण तेजी से हो रहा है। मोबाइल नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम से सेना को सुसज्जित किया जा रहा है। शक्तिमान रेजिमेंट और स्पेशल फोर्स का गठन हो चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि सेना की तैयारी अब केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं, बल्कि रणनीतिक आक्रामकता पर केंद्रित है।
जनरल द्विवेदी ने कारगिल युद्ध में प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “हम उन नायकों के ऋणी हैं जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। उनकी भावना और बलिदान आज भी हमारी प्रेरणा हैं।”
सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि कारगिल विजय दिवस केवल सैन्य आयोजन नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का उत्सव है। “यह दिन हमें सजग रहने का संकल्प देता है। यह याद दिलाता है कि जब तक हमारे जवान सीमा पर हैं, भारत की अखंडता और एकता पर कोई आंच नहीं आ सकती।”
जनरल द्विवेदी ने मंच से कहा कि आज हम टाइगर हिल, तोलोलिंग और प्वाइंट 4875 जैसी ऐतिहासिक चोटियों के नीचे खड़े हैं, जहाँ हमारे वीर जवानों ने दुश्मन को परास्त किया था। उन्होंने कहा, “हमें आज भी याद है वो दृढ़ निश्चय जो उनके चेहरों पर था। उन्होंने हर कठिनाई को पार करते हुए जीत हासिल की, और हमें गरिमा से जीने का अधिकार दिया।”