शिव शंकर सविता- शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित हुए ओबीसी नेतृत्व भागीदारी न्याय सम्मेलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी द्वारा किए गए कामों को लेकर पछतावा व्यक्त किया। साथ ही ओबीसी समुदाय से अपनी गलती भी स्वीकार की। उन्होंने इस दौरान ओबीसी, दलित और आदिवासी को देश की उत्पादक शक्ति बताते हुए न्याय न मिलने की बात कही।
हम जाति जनगणना कराएंगे
इस दौरान भाजपा और आरएसएस पर ओबीसी समुदाय के इतिहास को जानबूझकर मिटाने का आरोप लगाया। सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा कि हम जाति जनगणना कराएंगे और सभी कांग्रेस शासित राज्यों में जनसंख्या का एक्स-रे करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मेरी गलती थी, कांग्रेस की नहीं कि हम पहले जाति जनगणना नहीं करा पाए; मैं अब इसे सुधार रहा हूं।
मुझे राजनीति करते 21 साल हो गए- राहुल गांधी
सम्मेलन में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मुझे राजनीति करते हुए 21 साल हो गए हैं। जब मैं पीछे देखता हूं और खुद का आत्मनिरिक्षण करता हूं….. मैंने कहां-कहां सही काम किया और कहां कमी रही. तो दो तीन बड़े मुद्दे दिखते हैं। मैंने जमीन अधिग्रहण कानून बनाया, मनरेगा लेकर आया और नियमगिरी की लड़ाई लड़ी। ये काम मैंने ठीक किए…चाहे वह आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों की बात हो तो मुझे अच्छे नंबर मिलने चाहिए, महिलाओं के मुद्दे पर सही नंबर मिले चाहिए।
मेरी गलती है कि मैनें ओबीसी वर्ग की रक्षा नहीं की- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने आगे कहा कि अगर मैं अपनी कमी की बात करता हूं तो मैंने एक गलती की है, जो ओबीसी वर्ग है उसकी जिस तरह से मुझे रक्षा करनी चाहिए थी, वह मैंने नहीं की। इसका कारण था, आपके जो मुद्दे थे उस समय, मुझे गहराई से समझ नहीं आए। 10-15 साल पहले जो दिक्कतें दलितों के सामने थी वह मुझे समझ आ गई। आदिवासियों के मुद्दे भी आसानी से समझ आ जाते हैं, लेकिन ओबीसी के मुद्दे आसानी से नहीं दिखते हैं, वह छुपे रहते हैं। अगर मुझे आपकी दिक्कतों के बारे में थोड़ा सा भी पता होता तो मैं उसी समय जाति जनगणना करवा देता। यह कांग्रेस की गलती नहीं बल्कि मेरी गलती है। वो मेरी गलती है, जिसे मैं ठीक करने जा रहा हूं। ये एक तरह से अच्छा ही हुआ, क्योंकि अगर उस समय मैंने जातिगत जनगणना करवा दी होती, तो वो आज जैसी नहीं होती।
बजट बनने के बाद बांटा गया हलवा
राहुल गांधी ने आगे कहा कि देश में दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कुल मिलाकर करीब 90 फीसदी है। लेकिन जब बजट बनने के बाद हलवा बांटा जा रहा था, तो वहां 90 फीसदी की आबादी का कोई नहीं था। देश की 90 फीसदी की आबादी ही प्रोडक्टिव फोर्स है। हलवा बनाने वाले लोग आप हैं, लेकिन हलवा वो खा रहे हैं। हम ये नहीं कह रहे कि वो हलवा न खाएं, लेकिन कम से कम आपको भी तो मिले।
अगर मन बना लिया तो किसी काम को छोड़ता नहीं
जनगणना के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने आगे कहा कि, आप मेरी बहन प्रियंका से पूछिएगा कि अगर राहुल ने किसी काम के लिए मन बना लिया तो उस बात को वो छोड़ेगा या नहीं? मैं नहीं छोड़ने वाला। जातिगत जनगणना तो पहला कदम है, मेरा लक्ष्य है कि आपके काम को हिंदुस्तान में सम्मान और भागीदारी मिले। जो काम हमने तेलंगाना में किया है, उसने हिंदुस्तान की राजनीतिक जमीन को हिला दिया है।
पीएम मोदी झूठों के सरदार- मल्लिकार्जुन खरगे
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि ‘वे झूठों के सरदार हैं। झूठ बोलने का ही उनका काम है। दो करोड़ नौकरी देंगे, झूठ बोले। काला धन देश में लाकर पैसे दूंगा, वो भी झूठ बोले। एमएसपी को लेकर झूठ बोले। ओबीसी वर्ग की आय बढ़ाने को लेकर भी झूठ बोले। हर चीज पीएम मोदी झूठ बोलते हैं। अपने जीवन में खासकर संसद में वो झूठ बोलते हैं। आप लोगों को समझना चाहिए, ये देश को गुमराह कर रहे हैं।’