उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , उत्तराखण्ड में LUCC यानी लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी. चिट फंड कंपनी ने बड़ा फ्रॉड किया है। प्रदेश में लगभग 92 करोड़ रुपए ठग कर यह कंपनी भाग चुकी है। इस मामले में उत्तराखंड के सांसदों ने गढ़वाल लोकसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी के नेतृत्व में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट और टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह इस प्रतिनिधि मंडल में मौजूद रही। गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने बताया है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का निवेदन किया है। इस कंपनी के प्रमोटर विदेश भाग चुके हैं और ऐसे में उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी होना चाहिए। सांसद अनिल बलूनी ने कहा है कि गृह मंत्री ने भरोसा दिया है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सांसद अनिल बलूनी ने कहा है कि जल्द ही इस मामले में विदेश मंत्री से भी मुलाकात की जाएगी और आरोपियों के पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई के लिए भी निवेदन किया जाएगा। वही विपक्षी का कहना है कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है. और सरकार के संरक्षण में यह घोटाला होता रहा. जब अति हो गई तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसमें सीबीआई जांच की मांग की. उसके बावजूद प्रदेश के सांसद गृहमंत्री अमित शाह से इंटरपोल की मदद की बात कर रहे है. जिससे यह दर्शाता है कि राज्य के मुख्यमंत्री और सांसदों का आपस में कोई तालमेल नही है। इस पर विपक्ष भी सत्ता पक्ष से जवाब मांग रहा है
उत्तराखण्ड में सामने आए LUCC फ्रॉड मामले को लेकर हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल सांसद अजय भट्ट और टिहरी सांसद महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सांसदों ने उत्तराखंड के हजारों गरीब, ग्रामीण निवेशकों की मेहनत की कमाई को ठगने वाले LUCC प्रोमोटर्स के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से आग्रह किया है कि इन अपराधियों को इंटरपोल की मदद से भारत लाकर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए. ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय और उनकी धनराशि की वापसी सुनिश्चित की जा सके। सांसदों ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच की संस्तुति राज्य सरकार ने पहले ही कर दी है। इस घोटाले में शामिल लोगों को सख्त सजा दिलाकर भविष्य में इस प्रकार की ठगी को रोका जाना अत्यंत आवश्यक है। गृहमंत्री अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस मामले में कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को उनके कृत्य की सजा अवश्य मिलेगी। यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं. बल्कि आम जनता के विश्वास से जुड़ा है. और इसके समाधान के लिए सभी स्तरों पर गंभीर प्रयास किए जाएंगे। गृह मंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि वे इस मामले पर कड़ा एक्शन लेंगे और दोषियों को उनके किये की सजा भुगतनी ही होगी।
उत्तराखंड में कई घरों को बर्बाद कर चुके LUCC घोटाला में सरकार हरकत में आ गयी है. पुलिस ने रिपोर्ट बनाकर शासन को सौंप दी है. अब हलचल तेज हो गयी है. आपको बता दें, अनुमान लगाया जा रहा है, अब तक का यह उत्तराखंड में सबसे बड़े फ्रॉड के रूप में LUCC चिट फंड घोटाला सामने आया है. अब राज्य सरकार सीबीआई को जांच सौंपने की तैयारी कर रही है. उत्तराखण्ड राज्य में सबसे ज्यादा महिलाओं को ठगा गया है. कई घर बर्बादी की कगार पर आ चुके हैं. लोगों ने अपने खून पसीने की कमाई लगाईं थी. लेकिन ulcc के मालिक करोड़ों रुपये डकार गए है. राज्य में इस मामले में अलग अलग 13 मुकदमे दर्ज हैं। नैनीताल हाईकोर्ट में भी यह मामला चल रहा है. कोर्ट ने सरकार से बाकायदा इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा था. जिसमें पौड़ी, देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग में 13 मामले दर्ज हैं. जिसमें से उत्तरकाशी में 1, रुद्रप्रयाग में 2, देहरादून में 2, टिहरी में 4, और पौड़ी में 4 मुकदमे दर्ज हैं. इस मामले में 10 लोगों की गिरफ्तारी भी पौड़ी पुलिस कर चुकी है. कई और गिरफ्तारियां आने वाले दिनों में हो सकती हैं. LUCC यानी लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी ने दूर-दराज के क्षेत्रों में अपना जाल बिछाया हुआ है. जिसमे लोन देने और डबल रिटर्न का लालच देकर हजारों लोगों से करोड़ों की ठगी की गई है. शुरुआत में कुछ निवेशकों को मुनाफा देकर भरोसा दिलाया व स्थानीय एजेंट बनाए. इन एजेंटों के ज़रिए बड़े स्तर पर निवेश कराया गया. जब पैसा करोड़ों में पहुंचा तो कंपनी फरार हो गयी. इसका एक मुख्य मालिक दुबई में बताया जा रहा है. देश भर की बात करें तो 70 से ज्यादा मुकदमे बताये जा रहे हैं. अब अन्य राज्यों से आ रही शिकायतों के बाद सीबीआई को इसकी जांच सौंपने की तैयारी है. इस तरह की चिट फंड कंपनियां गली मोहल्लों में खुल रही हैं या खुली हुई है. जिनपर लगाम लगाना सरकार की ज़िम्मेदारी है।
आपको बता दे उत्तराखंड में LUCC नामक चिटफंड कंपनी ने करीब 11 साल पहले 2014 से लोगों को पैसा दोगुना करने और अन्य बैंकों से अधिक ब्याज देने का लालच देकर, पैसे जमा कराए. स्थानीय लोगों को कंपनी में नौकरी भी दी गई, जिससे आसानी से पैसा जमा करा सकें. जब निवेशकों का पैसा लौटाने का समय आया, तो 2023 में कंपनी के पदाधिकारी करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गए. पीड़ित इस मामले को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट भी गए. ऐसी आशंका है कि कंपनी ने 189 करोड़ से ज्यादा का घपला किया है.जिस पर उत्तराखंड के 4 सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले को लेकर गुहार लगाई है ये उत्तराखंड में चिटफंड में घोटाले का पहला मामला नहीं है। इस पहले भी कई छोटे बड़े मामले प्रदेश में देखने को मिले है लेकिन सांसदों के गृहमंत्री की मुलाकात को लेकर ये मामला और बड़ा हो जाता है और साथ ही विपक्ष को फिर एक बार सरकार को घेरने का मौका जरूर मिल गया है।