KNEWS DESK – राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र स्थित पिपलोदी गांव से शुक्रवार सुबह एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई। यहां एक सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत का हिस्सा अचानक भरभराकर गिर पड़ा, जिसमें 6 मासूम छात्रों और एक शिक्षक की मौत हो गई। हादसे में 28 छात्र घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पढ़ाई के दौरान टूटी दीवार, मच गया हड़कंप
घटना सुबह करीब 8 बजे की है, जब बच्चे क्लास में पढ़ाई कर रहे थे। तभी अचानक स्कूल भवन की एक पुरानी दीवार और छत का हिस्सा भरभराकर गिर गया। दीवार गिरने से 35 से ज्यादा छात्र और एक शिक्षक मलबे में दब गए। मौके पर अफरातफरी मच गई। चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग और स्कूल स्टाफ मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया।
पुलिस और प्रशासन को सूचना मिलने पर तुरंत राहत टीम मौके पर पहुंची। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया, लेकिन तब तक 6 बच्चों और एक शिक्षक की जान जा चुकी थी। 28 बच्चों को गंभीर चोटों के साथ नजदीकी CHC अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ की हालत अब भी नाजुक है।
क्यों गिरा स्कूल भवन? जांच जारी
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि स्कूल भवन बहुत पुराना था और बरसात के चलते कमजोर हो चुका था। ग्रामीणों ने बताया कि भवन की जर्जर हालत को लेकर कई बार शिकायतें दी गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बताया जा रहा है कि यह स्कूल 1947 से संचालित हो रहा था।
नेताओं ने जताया गहरा दुख
PM नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “झालावाड़ में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचा रहा है।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट कर कहा, “यह अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक हादसा है। घायलों के समुचित उपचार हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दें और परिजनों को संबल प्रदान करें।” पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी घटना पर शोक जताते हुए लिखा, “झालावाड़ के सरकारी स्कूल में दीवार गिरने की खबर अत्यंत चिंताजनक है। मेरी प्रार्थना है कि घायलों को जल्द राहत मिले और जनहानि न्यूनतम हो।”
शिक्षा मंत्री ने की उच्चस्तरीय जांच की घोषणा
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिवालर ने कहा कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी। बच्चों का इलाज सरकारी खर्चे पर होगा। उन्होंने माना कि भवन पुराना था और बरसात के कारण हादसा हुआ है, लेकिन लापरवाही करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।