KNEWS DESK- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को चार दिवसीय दौरे पर ब्रिटेन और मालदीव के लिए रवाना हो गए हैं। इस यात्रा का उद्देश्य इन दोनों देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाना है। प्रधानमंत्री ने यात्रा से पहले विश्वास जताया कि यह दौरा दोनों देशों के बीच सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक और मजबूत रणनीतिक साझेदारी है, जिसमें व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, नवाचार, रक्षा, शिक्षा, अनुसंधान, स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर केअर स्टार्मर से उनकी मुलाकात में आर्थिक साझेदारी को और बढ़ावा देने पर चर्चा होगी, जिसका लक्ष्य दोनों देशों में समृद्धि, विकास और रोजगार के अवसर पैदा करना है। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री मोदी महाराजा चार्ल्स तृतीय से भी भेंट करेंगे, जो इस दौरे को ऐतिहासिक महत्व प्रदान करती है।
ब्रिटेन यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी मालदीव जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ समारोह में हिस्सा लेंगे। मुइज्जू के शासनकाल में दोनों देशों के बीच रिश्तों में आई ठहराव के बाद यह दौरा दोनों देशों के बीच नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मालदीव दौरे के दौरान वे राष्ट्रपति मुइज्जू और अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी पर बातचीत करेंगे। इसका मकसद हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री ने आशा जताई कि इस यात्रा से न केवल राजनयिक और आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी, बल्कि इससे आम लोगों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा, “इस यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलेगी और भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को मजबूती मिलेगी।”
इस चार दिवसीय दौरे में दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसर तलाशने और साझा हितों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान रहेगा, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका और मजबूत होगी।