KNEWS DESK- इंग्लैंड और भारत के बीच मैनचेस्टर टेस्ट में एक खास कहानी फिर से दोहराए जाने की उम्मीद है। कहानी दो खिलाड़ियों की — एक भारत से करुण नायर और दूसरा इंग्लैंड से लियम डाउसन, जिसे क्रिकेट की दुनिया अब ‘इंग्लैंड का रवींद्र जडेजा’ कहकर पुकार रही है।
लियम डाउसन की टेस्ट टीम में वापसी ने क्रिकेट फैंस का ध्यान खींचा है। 8 साल बाद इंग्लैंड की टेस्ट टीम में जगह पाने वाले डाउसन गेंद और बल्ले दोनों से असर छोड़ सकते हैं — ठीक उसी अंदाज में जैसे भारत के रवींद्र जडेजा।
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डाउसन का रिकॉर्ड शानदार है मैच: 212, रन: 10,731 (18 शतक सहित), विकेट: 317। इन आंकड़ों से साफ है कि वह एक पूर्ण ऑलराउंडर हैं, जो किसी भी परिस्थिति में टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
साल 2016 का चेन्नई टेस्ट याद है? करुण नायर ने उसी मैच में अपने करियर का पहला और इकलौता तिहरा शतक लगाया था — नाबाद 303 रन। और दिलचस्प बात ये है कि वही टेस्ट लियम डाउसन का डेब्यू मैच भी था।
अब मैनचेस्टर में करुण नायर एक बार फिर टीम इंडिया का हिस्सा हैं और इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन में वापसी कर रहे हैं लियम डाउसन। क्या यह महज इत्तेफाक है, या फिर किस्मत का कोई रहस्यमय खेल?
करुण नायर का इंग्लैंड के खिलाफ रिकॉर्ड अब तक कुछ खास नहीं रहा है 3 टेस्ट, 6 पारियां, 131 रन, सर्वश्रेष्ठ स्कोर: 40 लेकिन मैनचेस्टर टेस्ट उनके लिए टर्निंग पॉइंट बन सकता है। यदि वह प्लेइंग इलेवन में जगह बनाते हैं, तो लियम डाउसन के साथ यह दूसरी बार होगा जब दोनों एक ही टेस्ट में आमने-सामने होंगे — और पिछली बार जो हुआ था, वह इतिहास बन गया था।
टीम इंडिया को इस समय मिडिल ऑर्डर में स्थिरता की ज़रूरत है, खासकर विदेश की पिचों पर। करुण नायर के पास यह मौका है कि वे खुद को दोबारा साबित करें। लियम डाउसन के सामने वही आत्मविश्वास और फॉर्म लेकर उतरें जो 2016 में देखा गया था।
मैनचेस्टर टेस्ट न केवल दो टीमों के बीच क्रिकेट मुकाबला है, बल्कि यह दो करियरों के लिए एक संभावित रिबूट का मौका भी है — एक तरफ वापसी कर रहे लियम डाउसन, और दूसरी तरफ अपनी खोई पहचान पाने को बेताब करुण नायर।