उपराष्ट्रपति पद को लेकर बिहार से उठी मांग, बीजेपी विधायक बोले, नीतीश कुमार बनें उपराष्ट्रपति

KNEWS DESK- भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। अब नए उपराष्ट्रपति को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है और इसी क्रम में बिहार से एक चौंकाने वाली मांग सामने आई है। बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने यह मांग की है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का अगला उपराष्ट्रपति बनाया जाए।

पटना में पत्रकारों से बात करते हुए हरिभूषण ठाकुर ने कहा, “अगर नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाया जाता है तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। यह बिहार के लिए गर्व की बात होगी।” यह बयान उन्होंने बिहार विधानसभा सत्र में शामिल होने से पहले दिया, जिसके बाद राज्य की राजनीति में एक बार फिर गर्मी बढ़ना तय मानी जा रही है।

क्यों अहम है यह मांग?

  • यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में 2025 के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
  • बीजेपी पहले ही यह कह चुकी है कि वह नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।
  • ऐसे में उन्हें उपराष्ट्रपति बनाने की मांग के राजनीतिक संकेतों की व्याख्या कई तरीके से की जा रही है।
  • कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह वोटर सेंटीमेंट को प्रभावित करने और सहज सत्ता हस्तांतरण की दिशा में एक संभावित रणनीति हो सकती है।

यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार को किसी उच्च संवैधानिक पद के लिए प्रस्तावित किया गया हो। कुछ महीने पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने उन्हें उप प्रधानमंत्री बनाने की मांग की थी। उस समय भी इस बयान ने सियासी हलकों में काफी सुर्खियां बटोरी थीं, हालांकि नीतीश कुमार ने तब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

सोमवार की रात करीब 9 बजे, जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को पत्र सौंपा और तत्काल प्रभाव से पद छोड़ दिया।
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को धन्यवाद दिया और अपने कार्यकाल को गौरवपूर्ण अनुभव बताया।

भारत के संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति के पद के रिक्त होने पर अनुच्छेद 68 के तहत जल्द से जल्द चुनाव कराए जाते हैं।लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, यानी कुल 788 सांसद मिलकर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। नए उपराष्ट्रपति का कार्यकाल शपथग्रहण की तिथि से 5 वर्ष के लिए होता है।