उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। कैसरगंज से बीजेपी के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार (21 जुलाई) को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। यह मुलाकात कई महीनों से चली आ रही राजनीतिक दूरी और संवादहीनता को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
योगी से संवाद बहाली की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह काफी समय से सीएम योगी से मुलाकात की कोशिश कर रहे थे। आज की बैठक को उनके राजनीतिक भविष्य और पार्टी में पुन: सक्रिय भूमिका की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब बीते दिनों सीएम योगी ने बृजभूषण के धुर विरोधी, केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह के आवास पर जाकर उनके पिता को श्रद्धांजलि दी थी। उस दौरे के बाद बृजभूषण सिंह की नाराजगी की खबरें सामने आई थीं।
2027 चुनावों के लिहाज़ से अहम है मुलाकात
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात आगामी 2027 विधानसभा चुनावों की रणनीति से जुड़ी है। पूर्वांचल की राजनीति में बृजभूषण शरण सिंह का खासा प्रभाव है और बीजेपी उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज नहीं कर सकती। गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती और कैसरगंज जैसे इलाकों में बृजभूषण का मजबूत जनाधार है।
विवादों से भरा रहा है बृजभूषण का करियर
हालांकि बृजभूषण शरण सिंह का राजनीतिक सफर हमेशा सुर्खियों में रहा है, लेकिन 2023 में वे गंभीर आरोपों के चलते सबसे ज्यादा चर्चा में आए थे। महिला पहलवानों ने उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, जिससे पूरे देश में हंगामा मच गया था। इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। हालांकि बाद में कोर्ट ने उन्हें इस मामले में राहत दे दी थी।