KNEWS DESK- दिल्ली को अब केवल राजनीतिक नहीं, सांस्कृतिक राजधानी के रूप में भी पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार को दिल्ली के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर राज्यों की सांस्कृतिक विविधता को दिल्ली की गलियों और मंचों तक लाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली, जहां देश के हर कोने से लोग आकर बसे हैं, वहां की सांस्कृतिक विविधता को भव्य आयोजनों और जनभागीदारी से और समृद्ध किया जाना चाहिए।
सीएम गुप्ता ने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली में मनाए जाने वाले पर्व–त्योहार जैसे कि छठ पूजा, दुर्गा पूजा, गणेशोत्सव, लोहड़ी आदि को अधिक भव्य और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाया जाएगा। इसके लिए अन्य राज्यों से स्थानीय कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों को बुलाया जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि “इससे सिर्फ त्योहारों का उल्लास नहीं बढ़ेगा, बल्कि लोगों का उनसे भावनात्मक जुड़ाव भी गहरा होगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि दिल्ली के विभिन्न इलाकों में नियमित रूप से निम्न आयोजन किए जाएं दिल्ली नृत्य-संगीत महोत्सव, भक्ति संगीत उत्सव, हास्य रंग उत्सव, महिलाओं की कला प्रदर्शनी, पेंटिंग प्रतियोगिताएं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पेंटिंग प्रतियोगिताओं के माध्यम से मिली बेहतरीन कलाकृतियों को दिल्ली सचिवालय और सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर सजाया जाएगा।
दिल्ली के कई कम प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों को आम जनता के बीच लाने के लिए भी पहल की जाएगी। जिन स्मारकों को शामिल किया जाएगा उनमें शामिल हैं मालचा महल, भूली मटियारी का महल, गालिब हवेली। इन स्थलों के आसपास विशेष सांस्कृतिक आयोजन और प्रदर्शनियां कर लोगों को इतिहास से जोड़ने की योजना है।
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया – दिल्ली के स्कूली छात्रों को अन्य राज्यों की भाषाओं और संस्कृति से परिचित कराने के लिए स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। बच्चों को अन्य राज्यों की भाषाएं सिखाई जाएंगी, दूसरे राज्यों की यात्राएं करवाई जाएंगी, स्थानीय परिवारों के साथ ठहरने और उनकी संस्कृति को समझने का मौका दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम देश की एकता और भाईचारे को मजबूती देगा।