संसद का मानसून सत्र 2025: 23 जुलाई से शुरू होगा सत्र, सरकार-विपक्ष आमने-सामने, बड़े मुद्दों पर घमासान तय

KNEWS DESK- देश की संसद का मानसून सत्र सोमवार, 23 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, जो 21 अगस्त तक चलेगा। सत्र शुरू होने से पहले सरकार और विपक्ष की तरफ से रणनीतिक बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। शुक्रवार को सरकार ने मंत्रिमंडलीय बैठक बुलाई, जबकि विपक्ष की बैठक शनिवार को होगी। इसके बाद रविवार को सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसका उद्देश्य सत्र के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करना और विपक्ष से सहयोग हासिल करना है।

शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई अहम बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरें रिजिजू, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, जी किशन रेड्डी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
हालांकि, बैठक के एजेंडे को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने सत्र के दौरान संभावित विपक्षी हमलों से निपटने और अपने विधायी कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने पर चर्चा की।

विपक्षी गठबंधन INDIA ने मानसून सत्र से पहले शनिवार को एक वर्चुअल बैठक बुलाई है, जिसमें राजनीतिक हालात और साझा रणनीति पर चर्चा होगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के अनुसार, विपक्ष निम्नलिखित मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा करेगा:

  • ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने और रक्षा अधिकारियों के खुलासे
  • पहलगाम आतंकी हमला और न्याय की देरी
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले दावों
  • चीन के मुद्दे पर विस्तृत बहस (कम से कम दो दिन)
  • बिहार में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)

विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद संसद में इन विषयों पर जवाब दें।

साथ ही सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संभावित महाभियोग प्रस्ताव पर भी विपक्ष चर्चा कर सकता है। कांग्रेस ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने की बात कही है।

मानसून सत्र से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। बैठक में सरकार की ओर से राजनाथ सिंह, अमित शाह और किरेन रिजिजू सहित कई वरिष्ठ मंत्री शामिल होंगे। एनडीए और विपक्षी दलों के प्रमुख नेता भी इसमें भाग लेंगे।

बैठक का मुख्य उद्देश्य सत्र के दौरान सुचारू कामकाज सुनिश्चित करना, महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में विपक्ष का सहयोग, हंगामे से बचाव और सत्र की उत्पादकता बनाए रखना।