KNEWS DESK – सावन माह में चल रही कांवड़ यात्रा को लेकर सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में हो रही आलोचनाओं पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। वाराणसी में भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ियों को ‘उपद्रवी’ कहने वालों की मंशा समाज को बांटने की है।
सीएम योगी ने साफ शब्दों में कहा कि धार्मिक आयोजन हों या परंपराएं, हर किसी को नियम और अनुशासन के दायरे में रहकर ही संपन्न किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ लोग इन आयोजनों को निशाना बनाकर देश में वैमनस्य फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुहर्रम हादसे का जिक्र, नियमों की अनदेखी पर जताई नाराज़गी
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में जौनपुर में हुए मुहर्रम हादसे की ओर इशारा किया, जिसमें ताजिया के हाईटेंशन तार से टकरा जाने के कारण तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने पहले ही ताजिया की ऊंचाई को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन जानबूझकर इन आदेशों का उल्लंघन किया गया।
योगी ने कहा, “लोगों ने नियम तोड़कर न केवल अपनी जान गंवाई, बल्कि हादसे के बाद रास्ता जाम कर उपद्रव फैलाने की कोशिश भी की। ऐसी स्थिति में पुलिस को मजबूरी में बल प्रयोग करना पड़ा। लातों के भूत बातों से नहीं मानते।”
“कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की साजिश”
मुख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा को लेकर चल रही आलोचनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कांवड़ यात्रा जैसी पवित्र परंपरा को बदनाम करने में लगे हैं। उन्होंने कहा “कांवड़ यात्री सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पैदल तय करते हैं, यह आस्था और अनुशासन का प्रतीक है। लेकिन कुछ लोग इन्हें आतंकी और उपद्रवी साबित करने पर आमादा हैं। ये वही मानसिकता है जिसने जनजातीय समाज को भी वर्षों तक मुख्यधारा से अलग रखा|
https://x.com/myogiadityanath/status/1946111758050922690
समाज में वैमनस्य फैलाने वालों से सतर्क रहने की चेतावनी
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि कुछ लोग फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर जातीय भेदभाव और समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने एक पुरानी घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि एक व्यक्ति को भगवा गमछा पहनाकर आगजनी का आरोपी बनाया गया, लेकिन बाद में वह किसी और समुदाय से निकला।
“ऐसे षड्यंत्रकारी तत्वों की पहचान कर उन्हें समाज से बाहर करना होगा। जब तक इनकी पहचान नहीं होगी, राष्ट्रीय एकता मजबूत नहीं हो सकती,” योगी आदित्यनाथ ने दो टूक लहजे में कहा।
धार्मिक स्वतंत्रता, लेकिन नियमों के दायरे में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोहराया कि राज्य सरकार हर धर्म और परंपरा का सम्मान करती है, लेकिन कोई भी आयोजन दूसरों की सुविधाओं और अधिकारों की अनदेखी करके नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, “आप ताजिया की ऊंचाई अपनी मर्जी से नहीं बढ़ा सकते। पेड़ों की टहनियां काटना, घरों के छज्जे तोड़ना या हाईटेंशन तार हटवाना किसी भी रूप में उचित नहीं है। इससे उन नागरिकों के अधिकारों का हनन होता है जो नियमों का पालन करते हैं और सेवाओं का भुगतान करते हैं।”