KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन विभाग, यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और यूपी स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के संयुक्त प्रयासों से प्रदेश भर में पर्यटन ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू करने जा रही है। इन परियोजनाओं के तहत विशेष रूप से कई प्राचीन शिव मंदिरों का कायाकल्प और सौंदर्यीकरण किया जाएगा, जिनमें से अधिकांश मंदिर पिछली सरकारों के दौर में उपेक्षा के कारण जर्जर हो चुके थे।
बीते आठ वर्षों में प्रदेश सरकार ने कुल 188 प्राचीन मंदिरों का पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण किया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार चल रहे इन कार्यों से न केवल धार्मिक पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है, बल्कि इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों को भी मजबूती मिली है।
आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र में भट्टा की पिपरी मौजा मेवाली खुर्द स्थित शिव मंदिर परिसर, फिरोजाबाद के चकलेश्वर महादेव मंदिर, और समौर बाबा मंदिर क्षेत्र में यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कार्य कराए जाएंगे। गोरखपुर में भूलेश्वर मंदिर, खजनी महादेव शिव मंदिर, झारखंडी महादेव मंदिर और गोंडा के तीरे मनोरमा मंदिर के पर्यटन विकास का कार्य यूपी स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड करेगा। मैनपुरी जिले में घंटाघर के सौंदर्यीकरण की जिम्मेदारी भी यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपी गई है।
सरकार ने ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए भी विशेष पहल की है। मिर्जापुर मंडल के तीन जिलों—मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र में ग्रामीण पर्यटन विकास रणनीति तैयार करने और ग्रामीण होमस्टे विकसित करने के लिए एक एजेंसी का चयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत कुल आठ गांवों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
पर्यटन विकास परियोजनाओं से स्थानीय हस्तशिल्प, खाद्य उत्पाद और सांस्कृतिक गतिविधियां भी प्रोत्साहित होंगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। होटल, रेस्तरां, परिवहन, गाइड सेवाओं और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का जरिया बनेगा बल्कि पूरे क्षेत्र का आर्थिक विकास भी सुनिश्चित करेगा।
उत्तर प्रदेश तेजी से देश के प्रमुख पर्यटन गंतव्यों में से एक बनता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने हैरिटेज पर्यटन को भी प्रोत्साहन देने के लिए 11 विरासत स्थलों को विकसित करने की रूपरेखा तैयार कर ली है। इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी और अधिक उजागर होगा।