KNEWS DESK – कर्नाटक सरकार ने राज्य में सिनेमा प्रेमियों को बड़ी राहत देते हुए मल्टीप्लेक्स और सभी सिनेमाघरों में टिकट की अधिकतम कीमत ₹200 तय कर दी है। यह सीमा मनोरंजन कर सहित लागू होगी और खासतौर पर क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों के लिए लागू की गई है। सरकार का मानना है कि इस निर्णय से ज्यादा से ज्यादा लोग सिनेमाघरों में लौटेंगे और कन्नड़ फिल्मों के प्रति दर्शकों का रुझान बढ़ेगा।
क्या है नया आदेश?
सरकार ने 15 जुलाई को एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर यह नियम लागू कर दिया है, जिसे कर्नाटक सिनेमा (विनियमन) नियम, 2014 में संशोधन कर शामिल किया गया है। इसके तहत अब राज्य में किसी भी भाषाई फिल्म के लिए प्रति टिकट ₹200 से अधिक शुल्क वसूला जाना अवैध होगा। यह कदम विशेष रूप से मल्टीप्लेक्स में टिकट की महंगी दरों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मल्टीप्लेक्स कंपनियों को हो सकता है आर्थिक झटका
इस नीति से PVR-INOX जैसे बड़े मल्टीप्लेक्स ब्रांडों को सबसे ज्यादा असर झेलना पड़ सकता है। अनुमान है कि इससे उनके राजस्व और EBITDA (आय पूर्व ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन) में गिरावट आ सकती है। हालांकि दर्शकों को सस्ता मनोरंजन मिलेगा, लेकिन मल्टीप्लेक्स ऑपरेटर इसे प्रीमियम सेवाओं के लिए बाधा मानते हैं और संभवतः इस फैसले को न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं।
पिछला अनुभव और वर्तमान रणनीति
यह पहला मौका नहीं है जब कर्नाटक सरकार ने ऐसा फैसला लिया हो। 2017 में भी टिकट की कीमत पर सीमा लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन मल्टीप्लेक्स ऑपरेटरों की आपत्ति और कोर्ट केस के चलते वह नीति स्थगित कर दी गई थी। इस बार सरकार ज्यादा ठोस रणनीति के साथ उतरी है और इसे बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप लागू किया गया है।
कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स और कर्नाटक फिल्म प्रदर्शक संघ ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। उनका मानना है कि इससे कन्नड़ फिल्मों की दर्शक संख्या बढ़ेगी और स्थानीय फिल्म इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी। दर्शकों की पहुंच को ध्यान में रखते हुए यह कदम सिनेमाघरों को फिर से भरने में कारगर हो सकता है।