श्रावण मास में हरिद्वार से लेकर शिवालयों तक कांवड़ यात्रा का दौर शुरू हो चुका है. उत्तराखंड सरकार ने भी पिछले दिनों कांवड़ यात्रा के रूट पर मौजूद सभी ढाबों और खाने-पीने की अन्य दुकानों के जाँच के आदेश जारी कर दिये थे. इन सब के बावजूद कांवड़ यात्रा के नाम पर हुड़दंग थमने का नाम नहीं ले रहा। भक्तों की भीड़ में कुछ शरारती तत्व भी घुस आए हैं जो भक्ति की आड़ में बवाल काट रहे हैं। आये दिन हाईवे-सड़को पर शरारती तत्वों का आतंक देखने को मिल रहा है। ताज़ा मामला हरिद्वार की अपर रोड का है जहां दो कांवड़िए चश्मे की दुकान में घुसे और जमकर लाठियां बरसा दीं। बताया जा रहा है कि दोनों युवक कांवड़िए के भेष में चश्मा खरीदने दुकान पहुंचे थे। किसी बात को लेकर हल्की कहासुनी हुई और देखते ही देखते दोनों ने दुकान में तोड़फोड़ शुरू कर दी। लाठी-डंडों से काउंटर फोड़ दिया, सामान तहस-नहस कर दिया। दुकानदार ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। घटना में दुकान का हजारों का नुकसान हो गया। CCTV फुटेज में पूरी वारदात कैद हो गई है, जिसे खंगालते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। वही देवभूमि उत्तराखंड में आस्था और विश्वास की रक्षा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ा कदम भी उठा चुके है। कांवड़ यात्रा से ठीक पहले राज्य सरकार में ऑपरेशन कालनेमि शुरू कर दिया है जिसका असर भी अब दिखने लगा है। 300 से ज्यादा फर्जी बाबाओं को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया है. वही विपक्षी पार्टियो ने कावड़ यात्रा के दौरान हो रहे हुड़दंग पर शासन-प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए है।साथ ही सरकार द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे ऑपरेशन कालनेमि पर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान से राजनीति गरमा गई है।
देवभूमि उत्तराखंड. जहां हर सांस में बसती है आस्था, जहां हर कदम पर रचता है सनातन। लेकिन इसी आस्था की धरती पर कुछ नकाबपोश ढोंगी, धर्म के वस्त्र पहनकर विश्वास को छलने में जुटे हुए हैं। ऐसे समय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑपरेशन कालनेमि का बिगुल भी बजा दिया है. ये एक ऐसा अभियान है जो धर्म के नाम पर धोखा देने वालों को बेनकाब कर रहा है। मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि जो भी फर्जी साधु धार्मिक भेष में जनता को गुमराह कर रहे हैं, विशेष रूप से महिलाओं को निशाना बना रहे हैं, उनके खिलाफ बिना देरी के सख्त कार्रवाई हो। बता दें कि रामायण के अनुसार कालनेमि एक राक्षस था. राम और लक्ष्मण की शक्ति का पता लगाने के लिए रावण ने उसे भेजा था राम-रावण युद्ध के दौरान लक्ष्मण घायल होकर अचेत हो गये थे। उस वक्त हनुमान जी उन्हें बचाने के लिए संजीवनी बूटी लाने हिमालय पर्वत की ओर जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में कालनेमि असुर ने एक साधु का भेष धारण कर उनको भ्रमित करने की कोशिश की थी. वहीं त्रेता युग के बाद अब कलयुग में भी कई नकाबपोश ढोंगी, धर्म के वस्त्र पहनकर लोगों के विश्वास को छलने में जुटे हैं। इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया है। सरकार के इस फैसले का साधु संतों ने भी स्वागत किया है। ऑपरेशन कालनेमि पर पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। इसके तहत दून पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस द्वारा साधु-संतों के भेष में घूम रहे अन्य राज्यों के 20 से अधिक ढोंगी बाबाओं सहित कुल 90 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया जा चुका है।
वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर ऑपरेशन कालनेमि का अभियान जारी है। यह अभियान उन लोगों के खिलाफ चलाया जा रहा हैं. जो धार्मिक वेशभूषा पहनकर लोगों को ठगने और धोखा देने का काम कर रहे हैं। खासतौर पर कांवड़ यात्रा जैसे आयोजनों में शामिल हो जाते हैं, जो आस्था की आड़ में अपराध करते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि ऐसे लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. इस पर बात करते हुए गढ़वाल परिक्षेत्र के आईजी राज्य स्वरूप ने कहा कॉलोनी अभियान के तहत फर्जी बाबाओ व हुड़दंगियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। हरिद्वार में अभी तक 594 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 48 लोगों को इसमें गलत भी पाया गया है। देहरादून में 267 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिला पौड़ी में भी 8 लोगों का सत्यापन कर 5 के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पूरे परीक्षेत्र की अगर बात की जाए तो 868 लोगों का सत्यापन कर 140 के खिलाफ अभी तक कार्रवाई हो चुकी है। लेकिन कांग्रेस इस अभियान को लेकर चुटकी ले रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि बीजेपी तो खुद कालनेमि संस्कृति की उत्पत्ति है । उन्होंने कहा कि आज बीजेपी लोकतंत्र और संविधान का अपहरण करने का काम कर रहे हैं. ओर कालनेमि इन्हीं की उपज है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड इस समय कालनेमि ओर पाखंडियों का गढ़ बन गया है । और ये सब बीजेपी से जुड़े हुए लोग है. इस पर बीजेपी विधायक खजानदास ने कहा कि हरीश रावत को अच्छे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
आपको बता दे कावड़ियों के हुए अब तक के उत्पात को लेकर राजनीत उत्तराखंड से लेकर उत्तरप्रदेश तक गरमा गई है।वहीं दूसरी ओर मुरादाबाद से इंडियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना कौसर हयात खान ने कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ते उत्पात और हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा, जो एक धार्मिक आयोजन है, अब उत्पात और हिंसा का पर्याय बन गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांवड़ियों द्वारा मारपीट, वाहनों को क्षतिग्रस्त करना और अन्य हिंसक गतिविधियां आम हो गई हैं और यह सब पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है. मौलाना ने लिखा, यूपी और उत्तराखंड सरकारें कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए बयान जारी करती हैं, लेकिन आम नागरिकों की सुरक्षा को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है. कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. उन्होंने गृह मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर कानून व्यवस्था बहाल करने की मांग की है.