अनिरूद्ध पांडे- यूपी के कौशाम्बी जिले के जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने जो किया, वह किसी औपचारिक निरीक्षण से कहीं आगे की बात थी। उन्होंने न सिर्फ विद्यालयों की स्थिति देखी, बल्कि एक शिक्षक की भूमिका में खुद को ढालते हुए बच्चों के बीच ज़मीन पर बैठकर पाठ भी पढ़ाया। शनिवार को बिना किसी पूर्व सूचना के डीएम सीधा मंझनपुर ब्लॉक के एदिलपुर प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने शिक्षण व्यवस्था को करीब से परखा और फिर बच्चों के साथ जमीन पर बैठ गए। किताबें खुलीं, पाठ शुरू हुआ और डीएम साहब ने खुद बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।इस अनपेक्षित दृश्य ने बच्चों के साथ शिक्षकों को भी रोमांचित कर दिया।इसके बाद उन्होंने करारी क्षेत्र के लहना गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में भी यही दृश्य दोहराया।

शिक्षकों को दी हिदायत, पढ़ाई से कोई समझौता नहीं
वहां भी डीएम ने बच्चों से संवाद किया, किताबों से पाठ पढ़वाया और शिक्षा की वास्तविक स्थिति को जमीनी स्तर पर महसूस किया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने शिक्षकों को दो टूक शब्दों में कहा कि बच्चों की पढ़ाई से कोई समझौता नहीं चलेगा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हर शिक्षक की जिम्मेदारी है। उन्होंने बच्चों से सवाल पूछे, उत्तर सुने और उन्हें प्रोत्साहित भी किया। डीएम की इस सादगी और शिक्षण शैली ने न केवल शिक्षा व्यवस्था में एक सकारात्मक संदेश दिया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि प्रशासनिक पद पर बैठा व्यक्ति अगर खुद जमीन पर उतर आए तो बदलाव सिर्फ कागज़ों पर नहीं, बच्चों की मुस्कान में नजर आता है।