बलरामपुर धर्मांतरण केस: छांगुर बाबा का खुलासा, 1500 से अधिक लड़कियों के धर्मांतरण की साजिश, ATS और NIA की पूछताछ शुरू

KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से सामने आया छांगुर बाबा धर्मांतरण केस अब राज्य से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन पर 1500 से अधिक हिंदू लड़कियों के अवैध धर्मांतरण का आरोप है। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने बुधवार को दोनों आरोपियों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है, जिसकी शुरुआत गुरुवार से हो चुकी है। इस दौरान आईबी और एनआईए की टीमें भी पूछताछ करेंगी।

जांच में सामने आया है कि छांगुर बाबा की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी, जहां वह मुंबई की एक दरगाह के बाहर अंगूठी बेचता था। यहीं से उसने खाड़ी देशों की कुछ कट्टरपंथी संस्थाओं से संपर्क बनाया, जो कथित रूप से हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित कराने की वैश्विक साजिश में शामिल हैं।
इन संस्थाओं से मदद मिलने के बाद बाबा ने बलरामपुर आकर एक संगठित धर्मांतरण रैकेट खड़ा किया, जिसमें उसके रिश्तेदार और अनुयायी बड़ी संख्या में शामिल थे। यह नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहा बल्कि महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्य भारत के हिस्सों में भी फैला हुआ था।

एटीएस को जांच में पता चला है कि बाबा के नेटवर्क का सबसे बड़ा टारगेट महिलाएं, विशेषकर युवा लड़कियां थीं। उन्हें पहले धार्मिक चमत्कारों, इलाज, रोजगार या शादी के झांसे में फंसाया जाता और फिर मानसिक और सामाजिक दबाव के ज़रिये धर्म बदलवाया जाता। इन लड़कियों में कई गरीब और पिछड़े वर्गों से आती थीं, जिन्हें मुफ्त इलाज, नौकरी और शादी का लालच देकर फंसाया गया।

एसटीएफ की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, बाबा का असली मकसद सिर्फ धर्मांतरण नहीं, बल्कि बलरामपुर और उसके आसपास के जिलों की जनसांख्यिकी बदलना था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्थानीय पुलिस, एलआईयू और प्रशासन के कुछ अधिकारी भी इस साजिश में शामिल थे, जिन्हें बाबा से मोटी रकम मिलती थी।
2019 में आजमगढ़ में इसी नेटवर्क से जुड़े बाबा के रिश्तेदारों पर FIR दर्ज हो चुकी है।

अब ATS उन सभी लोगों की पहचान करने में जुटी है जो इस नेटवर्क का हिस्सा थे या जिनका अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराया गया। अब तक 1500 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ATS ने कई डिजिटल दस्तावेज, मोबाइल चैट और विदेशी फंडिंग के ट्रैक भी खंगालना शुरू कर दिए हैं। NIA इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इसमें विदेशी फंडिंग या आतंकी कनेक्शन तो नहीं है।

बुधवार को अदालत ने ATS की याचिका स्वीकार करते हुए बाबा और उसकी सहयोगी की 7 दिन की रिमांड मंजूर की। राज्य सरकार ने इस केस को “राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला” बताया है। केंद्रीय एजेंसियों की मौजूदगी से संकेत है कि आने वाले दिनों में यह केस और बड़ा रूप ले सकता है।

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