डिजिटल डेस्क- एटा में विभिन्न कंपनियों में कार्यरत मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एम आर जनपद मुख्यालय स्थित धरना स्थल पर एकत्रित होकर अपनी मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह को सौंपा। दवा कंपनियों में कार्यरत एम आर ने दर्जनों की संख्या में एकत्रित होकर अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी एटा प्रेम रंजन सिंह को लिखित ज्ञापन सौंपा। यूपीएमएसआरए के बैनर तले उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल और सेल्स कर्मचारियों ने एटा की यूनिट के प्रेसिडेंट मनोज यादव के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है और देश के प्रधानमंत्री से मांग की है कि उनकी सभी मांगे पूरी की जाए।
न्यूनतम सैलरी, प्रवेश संबंधी मांगों का दिया ज्ञापन
मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की मांग है कि उनको एटा स्थित वीरांगना मेडिकल कॉलेज में प्रवेश करने दिया जाए, साथ ही जरूरतमंद दवाओं पर जीएसटी को हटाया जाए। न्यूनतम सैलरी उनकी निर्धारित की जाए ऐसी तमाम मांगों को लेकर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव ने इकट्ठा होकर लिखित ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगे सामने रखी है। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्सों की मांग है कि चारों श्रम संहिताओं को रद्द कर और एसपी ई एक्ट 1976 को बहाल रखें, दवा प्रतिनिधियों के लिए वैधानिक कार्य नियमावली बनाएं। सरकारी अस्पतालों एवं संस्थानों में दवा प्रतिनिधियों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाया जाए। आवश्यक वस्तुओं सहित सभी दावों की कीमत कम करें और दवाइयां से जीएसटी हटाए। दवा उद्योग में आत्मनिर्भरता के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की दवा कंपनियों को पुनर्जीवित करें। नकली दवा निर्माता के लिए सख्त सजा सुनिश्चित की जाए।
रिटार्यड कर्मियों को मिले न्यूनतम पेंशन
ज्ञापन में सेवानिवृत कर्मचारियों एवं दवा प्रतिनिधियों के लिए न्यूनतम पेंशन ₹9000 घोषित करने, दवा प्रतिनिधियों के लिए न्यूनतम वेतन 26910 घोषित करने, कबाब प्रतिनिधियों के लिए 8 घंटे कार्य की अधिसूचना जारी कर लागू करने, सेल्स के नाम पर दवा प्रतिनिधियों पर दमन और उत्पीड़न बंद करने, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के माध्यम से दवा प्रतिनिधियों की गैरकानूनी एवं अनैतिक निगरानी बंद करने आदि बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए ज्ञापन सौंपा गया।