कानपुरः एक ही कार्यालय में विराजमान हुए दो अधिकारी, एक बोला- हाई कोर्ट का आर्डर है, दूसरा बोला- शासन ने मुझे भेजा है

शिव शंकर सविता- कानपुर में इन दिनों मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कार्यालय अखाड़ा बना हुआ है। विगत दिनों जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार का और अभद्रता का आरोप लगाने वाले सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी को सरकार ने निलंबित कर उनकी जगह डॉ उदयनाथ को कानपुर का सीएमओ बनाया था। नियम विरूद्ध निलंबन के खिलाफ डॉ हरिदत्त नेमी हाई कोर्ट चले गए और निलंबन पर स्टे ले आये। बुधवार को सुबह 9 बजे सीएमओ कार्यालय पहुंचकर सीएमओ की कुर्सी पर विराजमान हो गए। इसी बीच किसी ने नए सीएमओ डॉ उदयनाथ को जानकारी दे दी। फिर क्या हुआ सीएमओ कार्यालय बन गया जंग का मैदान…। पुलिस बुलाई गई पर दोनों अधिकारी टस से मस नहीं हुए और अगल-बगल कुर्सी डालकर अपने आपको कानपुर का सीएमओ घोषित कर दिया। अब ऐसे में अपने काम से सीएमओ कार्यालय आये लोगों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई कि उनका काम कौन से सीएमओ साहब करेंगे?

हाई कोर्ट का आर्डर लेकर पहुंचे डॉ हरिदत्त नेमी

पूर्व में निलंबित हो चुके डॉ हरिदत्त नेमी ने अपने निलंबन के विरूद्ध हाई कोर्ट में शिकायत कर दी। कोर्ट ने डॉ हरिदत्त नेमी का मामला सुनकर उनके निलंबन पर स्टे लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा। पूर्व सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी बुधवार सुबह 9 बजे कोर्ट का आदेश लेकर सीएमओ कार्यालय जा पहुंचे और सीएमओ की कुर्सी पर विराजमान हो गए।

नए सीएमओ और पुराने सीएमओ के बीच हुई तू-तू, मैं-मैं

पुराने सीएमओ के ऑफिस पहुंचकर कुर्सी में बैठने की जानकारी मातहतों ने नए सीएमओ साहब को दे दी। जानकारी पाकर आग-बबुला हुए नए सीएमओ डॉ उदयनाथ ने देरी न करते हुए ऑफिस पहुंचकर पुराने सीएमओ डॉ हरिदत्त नेमी को हटने के लिए कहा। जिसपर डॉ हरिदत्त नेमी ने हाई कोर्ट का आदेश दिखाकर कहा कि उन्हें हाईकोर्ट ने दोबारा चार्ज लेने के लिए कहा है। जिस पर नए सीएमओ डॉ उदयनाथ भड़क गए और जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई।

बगल में कुर्सी डालकर बैठे नए सीएमओ

हटने की बात पर जब बात नहीं बनी तो नए सीएमओ डॉ उदयनाथ भी अपना हक जताते हुए बगल में कुर्सी डालकर बैठ गए और कहने लगे की शासन ने उन्हें यहां तैनाती दी है। इसी बीच सूचना पाकर चकेरी पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और दोनों को समझाने का प्रयास करने लगी, पर दोनों ने किसी की बात नहीं सुनी और अपनी अपनी कुर्सी पर डटे रहे।

क्या था विवाद?

पूर्व में डॉ. हरिदत्त नेमी का निलंबन एक वायरल ऑडियो क्लिप के बाद हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति डीएम के खिलाफ कथित टिप्पणी करते हुए और पैसों की व्यवस्था को लेकर बातचीत करता सुनाई देता है। दावा किया गया था कि यह आवाज डॉ. नेमी की है। हालांकि, उन्होंने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि, यह मेरी आवाज नहीं है, यह मुझे बदनाम करने की साजिश है। आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से बनाया गया है। लेकिन जब जिलाधिकारी ने बैठक में उनसे ऑडियो को लेकर जवाब मांगा, तो असंतोषजनक जवाब मिलने पर उन्हें बैठक से बाहर भेज दिया गया। इसके बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया और उनकी जगह डॉ. उदयनाथ की तैनाती कर दी गई।