‘अब हर अचानक मौत पर अनिवार्य होगा पोस्टमार्टम’…. कोविड वैक्सीन बहस के बीच कर्नाटक सरकार का बड़ा कदम

KNEWS DESK –  कर्नाटक सरकार ने अचानक होने वाली मौतों को ‘अधिसूचित बीमारी’ घोषित करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस फैसले के तहत राज्य में अब अचानक मौत के हर मामले की सूचना सरकार को देनी होगी और उसका पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य होगा। यह निर्णय राज्य में खासतौर पर हसन जिले में बढ़ रही दिल के दौरे की घटनाओं को देखते हुए लिया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इन मौतों के पीछे के कारणों की स्पष्ट जांच हो सके और भविष्य के लिए प्रभावी सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियां बनाई जा सकें। उन्होंने कहा, “अगर अस्पतालों के बाहर अचानक मौत होती है तो इसकी रिपोर्ट अनिवार्य रूप से देनी होगी।”

शिक्षा व्यवस्था में भी बदलाव

राज्य सरकार अब अचानक मृत्यु और दिल के दौरे से जुड़ी जानकारियों को स्कूली शिक्षा का हिस्सा भी बनाएगी। मंत्री राव ने कहा, “हमने शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है कि अगली कक्षा पुस्तकों में अचानक मृत्यु और इससे संबंधित बीमारियों को लेकर एक पाठ शामिल किया जाए।” साथ ही, छात्रों और आम जनता को सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) की ट्रेनिंग देने की योजना भी बनाई जा रही है।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

राज्य सरकार की ‘पुनीत राजकुमार हृदय ज्योति योजना’, जो वर्तमान में 86 अस्पतालों में संचालित है, उसे अब तालुक स्तर के अस्पतालों तक विस्तारित किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य अचानक दिल का दौरा पड़ने पर त्वरित और प्रभावी उपचार उपलब्ध कराना है।

स्वास्थ्य मंत्री ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोविड महामारी के बाद डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और मोटापा जैसे जोखिम कारकों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड के दौरान लोगों की जीवनशैली और दवाओं का असर भी इन मौतों से जुड़ा हो सकता है।

सीएम सिद्धारमैया के बयान पर सफाई

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने कोविड वैक्सीन और दिल के दौरे की बढ़ती घटनाओं के बीच संभावित संबंध की बात कही थी, मंत्री राव ने सफाई दी। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री की मंशा गलत नहीं थी। वे सिर्फ यह जानना चाहते थे कि कहीं कोविड या उसका टीका इसके पीछे कारण तो नहीं है। यह एक वैज्ञानिक और सावधानीपूर्वक पूछताछ का हिस्सा था, न कि किसी दुर्भावना से प्रेरित टिप्पणी।”

सिद्धारमैया ने कहा था कि, “कोविड वैक्सीन को जल्दबाज़ी में लागू किया गया, और यह इन मौतों का एक संभावित कारण हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों ने भी यह संकेत दिए हैं।” हालांकि, उन्होंने बीजेपी से पहले अपनी अंतरात्मा से सवाल पूछने की बात भी कही थी।