KNEWS DESK- मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के लंबे समय से चल रहे विवाद पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दाखिल उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें अदालत से जन्मभूमि और शाही ईदगाह से जुड़ी संपत्ति को ‘विवादित संपत्ति’ घोषित करने की मांग की गई थी।
इस फैसले को हिंदू पक्ष के लिए कानूनी झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे उनके दावे की वैधानिक मान्यता पर असर पड़ा है।
वादी महेंद्र प्रताप सिंह की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई थी कि मथुरा की वह भूमि, जहां श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद स्थित है, उसे विवादित संपत्ति घोषित किया जाए। उनका तर्क था कि ऐतिहासिक रूप से यह भूमि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थान रही है और ईदगाह का निर्माण अवैध रूप से मंदिर की जमीन पर हुआ था।
सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा ने स्पष्ट किया कि संपत्ति को अभी के दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर ‘विवादित’ घोषित नहीं किया जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि याचिका में ऐसे पर्याप्त आधार नहीं हैं, जिनके आधार पर भूमि को विवादित माना जा सके। इस आधार पर अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।
इस फैसले से हिंदू पक्ष की उस दलील को झटका लगा है जिसमें वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर अधिकार जताते हुए ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग कर रहा था। हालांकि, यह फैसला पूर्ण मुकदमे का अंत नहीं है, बल्कि एक अंतरिम कानूनी बिंदु पर आया है।
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