डिजिटल डेस्क- गुजरात में विभिन्न फैक्ट्रियों में कार्यरत मजदूरों की लंबे समय से उठ रही फैक्ट्री एक्ट में संशोधन की मांग को सरकार ने मान लिया है। इस संशोधन के तहत मजदूरों को अधिकतम 9 से 12 घंटे तक ही कार्य कराया जा सकता है। इसके साथ ही प्रबंधन को ये भी ध्यान रखना होगा कि मजदूरों को एक हफ्ते में सिर्फ 48 घंटे ही काम कराना होगा। इस अधिनियम संशोधन के तहत महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने को मंजूरी दे दी गई है, जो लंबे समय से बंद थी। हालांकि महिलाओं को नाइट शिफ्ट के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। नाइट शिफ्ट महिलाओं की इच्छा पर निर्भर है।
अब हफ्ते में सिर्फ 48 घंटे ही काम
संशोधन में यह किया गया है कि कर्मचारियों की ड्यूटी के अधिकतम समय को 9 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है, लेकिन इसी के साथ यह भी जोड़ा गया है कि पूरे हफ्ते में कर्मचारियों को 48 घंटे ही काम करना होगा। अधिकतम काम करने का समय 12 घंटे कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब कर्मचारियों को पूरे हफ्ते में 48 घंटे काम करना होगा। अगर कोई कर्मचारी हफ्ते में 4 दिन 12 घंटे की ड्यूटी करता है तो उसका 48 घंटे काम करने की सीमा पूरी हो जाएगी।
सुरक्षा के साथ महिलाएं कर सकेंगी नाइट शिफ्ट
इसी के साथ महिला कर्मचारियों के लिए काफी बड़ा संशोधन किया गया है। महिला कर्मचारियों को अब नाइट शिफ्ट करने की इजाजत दी गई है। गुजरात सरकार ने महिलाओं को शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट शिफ्ट करने की अनुमति दी है। लेकिन इसके लिए उनकी सुरक्षा को लेकर कुछ शर्तों का पूरा होना जरूरी है।