KNEWS DESK- उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र में बुधवार को एक बार फिर भूस्खलन की गंभीर घटना सामने आई है। उमटा के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा खिसकने से यह मलबा हाईवे किनारे बने एक मकान में घुस गया। गनीमत रही कि समय रहते मकान में रह रहे लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया।
भूस्खलन की वजह से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-7) एक बार फिर बाधित हो गया है। क्षेत्रीय प्रशासन ने मलबा हटाने के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन लगातार बारिश के कारण स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
इससे पहले रविवार को भी इसी क्षेत्र में पहाड़ी से भारी मलबा और एक बड़ा बोल्डर गिरने से हाईवे अवरुद्ध हो गया था। गौचर तलधारी के पास हुए इस भूस्खलन में वाहन सवार लोग बाल-बाल बचे थे। अब ताजा घटना ने फिर से लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
वहीं, कर्णप्रयाग-नेनीसैंण मोटर मार्ग पर भी भूस्खलन के कारण यातायात प्रभावित है। आईटीआई से लगभग 500 मीटर आगे एक विशाल चट्टान टूटकर सड़क पर आ गई, जिससे कपीरीपट्टी के लोगों को वैकल्पिक मार्ग से डिम्मर और सिमली होते हुए कर्णप्रयाग पहुंचना पड़ रहा है। मौसम विज्ञान विभाग ने देहरादून, टिहरी, नैनीताल और चंपावत जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में बिजली की गर्जना के साथ तेज बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल के अनुसार, अगले पांच दिनों तक राज्य में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, जिसमें कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में तेज बौछारें भी देखने को मिल सकती हैं।
राजधानी देहरादून में बुधवार को हल्की बारिश के बाद धूप खिलने से तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24.3 डिग्री रहा। हालांकि, बृहस्पतिवार को फिर गरज के साथ बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे अधिकतम तापमान में 1.4 डिग्री की गिरावट आ सकती है।
भूस्खलन और भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। खासकर पहाड़ी मार्गों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने का सुझाव दिया गया है।
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