प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच दिवसीय विदेश यात्रा, ‘ग्लोबल साउथ’ रणनीति को सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम

KNEWS DESK-  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई 2025 से शुरू होने वाली अपनी बहुप्रतीक्षित पांच दिवसीय विदेश यात्रा के दौरान घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का दौरा करेंगे। यह दौरा भारत की ‘ग्लोबल साउथ’ रणनीति को नई दिशा देने के साथ-साथ बहुपक्षीय मंचों पर भारत के नेतृत्व को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम प्रयास है। आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक जुड़ाव और रणनीतिक साझेदारी इस यात्रा के मुख्य स्तंभ हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा पिछले तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना की पहली यात्रा है, जो इस दौरे को ऐतिहासिक बनाती है। घाना, पश्चिम अफ्रीका की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और भारत के लिए सोने का प्रमुख स्रोत है। भारत अपने कुल स्वर्ण आयात का लगभग 70% घाना से करता है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 3.13 बिलियन डॉलर के पार जा चुका है और इसमें तेजी से वृद्धि की संभावना है।

प्रमुख उद्देश्य-

  • आर्थिक सहयोग: कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी और निर्माण क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा। डिजिटल टेक्नोलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा में नए निवेश के अवसर तलाशे जाएंगे।

  • विकास सहयोग: ग्रामीण विद्युतीकरण, ICT में प्रशिक्षण और आधारभूत ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं का विस्तार।

  • राजनीतिक जुड़ाव: पीएम मोदी का संसद को संबोधन दोनों देशों के राजनीतिक रिश्तों को नई ऊंचाई देगा।

  • रणनीतिक उद्देश्य: खनिज संसाधनों और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी।

त्रिनिदाद और टोबैगो भारत के लिए केवल रणनीतिक ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां भारतीय मूल की बड़ी आबादी है जो 19वीं सदी में भारत से प्रवास कर आई थी। इस डायस्पोरा के जरिए भारत और त्रिनिदाद के बीच गहरे संबंध बने हैं। मोदी की यह यात्रा इन सांस्कृतिक संबंधों को औपचारिक और रणनीतिक स्तर पर नई मजबूती देगी।

प्रमुख उद्देश्य-

  • डायस्पोरा से संवाद: भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात और उनके योगदान को सम्मानित करना।

  • सांस्कृतिक सहयोग: सांस्कृतिक कार्यक्रमों और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।

  • आर्थिक भागीदारी: ऊर्जा, फार्मा और आईटी जैसे क्षेत्रों में संभावित निवेश और तकनीकी सहयोग।

  • बहुपक्षीय रणनीति: कैरेबियन देशों के साथ संपर्क को सशक्त कर वैश्विक दक्षिण में भारत की भूमिका को मजबूत करना।

इस यात्रा के जरिए प्रधानमंत्री मोदी न केवल भारत की वैश्विक रणनीति को गति देंगे, बल्कि विकासशील देशों के साथ भारत के रिश्तों को भी नई दिशा देंगे। अफ्रीका, कैरेबियन और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों में भारत की मौजूदगी को बढ़ाना ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और बुलंद करने की दिशा में एक ठोस कदम है। इस दौरे के बाकी पड़ाव — अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया — भी भारत की ऊर्जा, व्यापार और जलवायु कूटनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होंगे। इस ऐतिहासिक यात्रा से भारत न सिर्फ एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में अपनी भूमिका को पुनः परिभाषित करेगा, बल्कि विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणास्रोत और भागीदार भी बनेगा।

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