बिहारः जदयू ऑफिस के बाहर लगी पहली बार पीएम मोदी की फोटो, पोस्टर के जरिये बताया गया चुनाव का एजेंडा

डिजिटल डेस्क- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले और जदयू के इतिहास में पहली बार जदयू के कार्यालय के बाहर पीएम मोदी की फोटो युक्त पोस्टर लगाया गया। इस पोस्टर के माध्यम से चुनाव में भाजपा और जदयू के गठबंधन की बात कही गयी। इस पोस्टर के कार्यालय के बाहर लगते ही राजनीति क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाओं ने जन्म लिया। साथ ही अलग तरह के कयासों का दौर चल पड़ा। पोस्टर में एनडीए सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए दोबारा सरकार बनाने की अपील करते हुए नारे लिखे गए हैं। इन पोस्टर के जरिए बीजेपी और जेडीयू में एकजुटता को दिखाने की कोशिश की गई है। बताया जा रहा है कि यह पहला मौका है जब जेडीयू दफ्तर में औपचारिक रूप से मोदी और नीतीश के एक साथ पोस्टर लगाए गए हैं।

राजद ने भुनाया मुद्दा

राजद ने इस घटना को तुरंत भुनाने की कोशिश की। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव लंबे समय से कह रहे हैं कि जेडीयू का बीजेपी में विलय हो चुका है। अब यह तस्वीर इसका सबूत है। आरजेडी का दावा है कि नीतीश कुमार की स्वतंत्र छवि अब खत्म हो चुकी है और जेडीयू बीजेपी की ‘बी-टीम’ बन गई है। तेजस्वी ने इसे ‘नीतीश की मजबूरी’ करार देते हुए कहा कि जेडीयू को अपनी पहचान बचाने की जरूरत है। यह बयानबाजी बिहार की जनता में यह धारणा बनाने की कोशिश है कि नीतीश अब बीजेपी के सामने कमजोर पड़ गए हैं।

क्या लिखा है पोस्टर में?

जदयू कार्यालय में लगाए गए पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पीएम मोदी की तस्वीर के साथ नारा लिखा है, महिलाओं की जय जयका फेर से एनडीए सरकार। पोस्टरों पर लिखे नारे में लिखा है-“महिलाओं को मिला रोजगार- नीतीश और मोन की सरकार,” “रोजगार का मतलब नीतीश और मोदी की सरकार।” इसके साथ ही लिखा है- “बिहार में लगे उद्योग-धंधे नीतीश मोदी की सरकार।” इसतरह का पोस्टर सामने आने के बाद यह कहा जाने लगा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की एकजुटता और रणनीति का स्पष्ट संदेश देती है। बता दें कि नीतीश कुमार का भाजपा के साथ रिश्ता दो दशकों से बना रहा है।