KNEWS DESK- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शनिवार देर रात एक बार फिर कुदरत का कहर देखने को मिला। सिलाई बैंड के समीप बादल फटने से यमुनोत्री हाईवे का लगभग 20 मीटर हिस्सा बह गया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। साथ ही ऊपरी क्षेत्र में टैंटों में रह रहे नौ मजदूर तेज पानी और मलबे की चपेट में आकर लापता हो गए। रविवार को दो मजदूरों के शव बड़कोट में यमुना नदी से बरामद किए गए, जबकि सात अन्य की तलाश सोमवार को भी जारी रही।
सोमवार सुबह से सिलाई बैंड और यमुना तट पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमों द्वारा बड़े पैमाने पर खोज व बचाव अभियान चलाया जा रहा है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने मीडिया को बताया कि राहत कार्यों में तेजी लाई जा रही है और लापता मजदूरों की खोज में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही।
बादल फटने की घटना के बाद स्यानाचट्टी क्षेत्र में यमुना नदी पर अस्थायी झील बन गई है। इसे खोलने के प्रयास जारी हैं, लेकिन भारी बारिश और खराब रास्तों के कारण मशीनें मौके तक नहीं पहुंच पाई हैं। झील का पानी खतरा पैदा कर सकता है, इसलिए प्रशासन उच्च स्तर पर सतर्क है।
बादल फटने और भारी बारिश की वजह से यमुनोत्री धाम की यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है, जबकि गंगोत्री यात्रा सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को अनुमति के साथ जारी है।
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि रविवार को रेड अलर्ट के मद्देनजर चारधाम यात्रा पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था। सोमवार सुबह स्थिति की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया कि यात्रा से प्रतिबंध हटाया जाएगा, लेकिन ज़िला प्रशासन को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार होल्डिंग पॉइंट्स पर वाहनों को रोकने का अधिकार दिया गया है।
यमुनोत्री हाईवे पर सड़क और अन्य संरचनाओं के पुनर्स्थापन का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और संचार सेवाओं को बहाल करने के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में फिर से भारी बारिश की संभावना जताई है।
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