KNEWS DESK- केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई। इनमें 1975 में लगे आपातकाल को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए उसका विरोध करने वालों को श्रद्धांजलि देने वाला प्रस्ताव पारित किया गया, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन का स्वागत किया गया, और आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट ने 1975 में लगाए गए आपातकाल की 50वीं बरसी के मौके पर इसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय बताते हुए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता में बताया “आपातकाल लोकतंत्र की हत्या था। कैबिनेट ने उस दौर के अत्याचारों का विरोध करने वाले लोगों की बहादुरी को श्रद्धांजलि दी है।”
बैठक में दो मिनट का मौन रखकर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि दी गई। प्रस्ताव में कहा गया कि उस समय संविधान को कुचला गया, मूलभूत अधिकारों को निलंबित किया गया और संघवाद को कमजोर किया गया।
सरकार ने 2025 को ‘संविधान हत्या दिवस’ के 50 वर्ष पूरे होने के रूप में चिन्हित करते हुए युवाओं से अपील की कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जागरूक और प्रतिबद्ध रहें।
कैबिनेट ने अंतरिक्ष मिशन Axiom-4 में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान का स्वागत करते हुए प्रस्ताव पारित किया। शुभांशु ने इस मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व किया और स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर सफल प्रक्षेपण किया।
सरकार ने इसे भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक अहम मील का पत्थर बताया। यह मिशन गगनयान के लिए भी तकनीकी और मनोवैज्ञानिक तैयारी का आधार बनेगा।
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के आगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) के दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य है खाद्य एवं पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देना, किसानों की आय में वृद्धि, रोजगार के नए अवसर, वैश्विक अनुसंधान, बीज उत्पादन और टिकाऊ खेती के लिए तकनीकी सहयोग। इस केंद्र के लिए यूपी सरकार ने 10 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई है। केंद्र सरकार इस परियोजना पर ₹111.5 करोड़ खर्च करेगी।
ये भी पढ़ें- CM योगी का हमला, पिछली सरकारों की अकर्मण्यता ने रोका किसानों का विकास, अब अन्नदाता बन रहा खुशहाल