सीएम योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में किया गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण, कहा- ‘आजमगढ़ आतंक का नहीं अदम्य साहस का गढ़’

KNEWS DESK-  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को आजमगढ़ पहुंचे और सलारपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का भव्य लोकार्पण किया। जनसभा स्थल पर स्थानीय नेता नंद गोपाल नंदी ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि आजमगढ़ अब आतंक का गढ़ नहीं, बल्कि अदम्य साहस और विकास का केंद्र बन गया है।

सीएम योगी ने अपने संबोधन में 1857 की स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हुए वीर कुंवर सिंह की बहादुरी का जिक्र किया और कहा कि यदि उस समय पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसी सड़क कनेक्टिविटी होती तो देश की आजादी जल्दी संभव हो पाती। उन्होंने पूर्वांचल क्षेत्र में जातिगत राजनीति को लेकर भी कटाक्ष किया और कहा कि जो लोग जाति के नाम पर वोट की राजनीति करते थे, वे अब विकास की नदियों के बीच फंसे हुए हैं। उन्होंने प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे को सोनभद्र से जोड़ने वाले परियोजना का हवाला देते हुए कहा कि विकास की गंगा पूर्वांचल में तेजी से बह रही है।

योगी आदित्यनाथ ने डबल इंजन की सरकार की उपलब्धियों पर जोर देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। काशी, विंध्याचल, चित्रकूट, अयोध्या के बाद अब मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों को भी विकास के केंद्र में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विरासत के संरक्षण के साथ-साथ विकास को भी समान रूप से प्राथमिकता दी जाएगी।

सीएम ने साफ कहा कि जो भी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाने की कोशिश करेगा, उसका ‘टिकट’ पहले से ही रिजर्व कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पहले विकास के नाम पर ‘डी कंपनी’ अर्थात दाऊद इब्राहिम जैसी आपराधिक ताकतों को संरक्षण दिया जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार ने ऐसे लोगों को ‘जहन्नुम का टिकट’ दे दिया है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 91.35 किलोमीटर है, जो गोरखपुर के एनएच-27 पर जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ती है। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संतकबीरनगर, आंबेडकरनगर और आजमगढ़ के चार जिलों से होकर गुजरती है। भविष्य में इसे छह लेन तक विस्तारित करने की योजना है।

इस परियोजना पर कुल 7,283.28 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसका निर्माण दो भागों में हुआ है—पहला हिस्सा गोरखपुर के जैतपुर से अंबेडकरनगर के फुलवरिया तक (48.317 किमी), और दूसरा फुलवरिया से आजमगढ़ के सलारपुर तक (43.035 किमी)।

ये भी पढ़ें-   सीमा की रक्षा करने वाले जवानों और अन्न पैदा करने वाले किसानों के सम्मान के लिए काम कर रही है प्रदेश सरकार- मुख्यमंत्री मोहन यादव