प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, अब तक 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित

KNEWS DESK-  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को साइप्रस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया गया। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने यह सम्मान भव्य समारोह में प्रदान किया। इस सम्मान के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी को अब तक 21 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं, जो विभिन्न देशों द्वारा वैश्विक मंच पर उनके योगदान को मान्यता देने के प्रतीक हैं।

सम्मान स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह सिर्फ नरेंद्र मोदी का नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह सम्मान हमारी संस्कृति, वसुधैव कुटुम्बकम की भावना और भारत की वैश्विक प्रतिबद्धताओं का प्रतीक है।” उन्होंने इसे भारत और साइप्रस के बीच गहरे मैत्रीपूर्ण संबंधों और साझा मूल्यों को समर्पित किया।

हाल के महीनों में मिले प्रमुख सम्मान-

  • मार्च 2025: मॉरीशस ने ‘ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ सम्मान से नवाजा।

  • अप्रैल 2025: श्रीलंका सरकार ने ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ सम्मान प्रदान किया।

  • दिसंबर 2024: कुवैत ने द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर से सम्मानित किया।

  • नवंबर 2024: गुयाना ने ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस और बारबाडोस ने ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस से सम्मानित किया। डोमिनिका ने भी सर्वोच्च सम्मान से नवाजा।

वर्षों में मिले अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मान-

  • 2016: अफगानिस्तान — ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान

  • 2018: फलस्तीन — ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फलस्तीन

  • 2018: संयुक्त राष्ट्र — यूएन चैंपियन ऑफ द अर्थ अवार्ड

  • 2019: यूएई — ऑर्डर ऑफ जायद, रूस — ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू एपोस्टल, मालदीव — ऑर्डर ऑफ इज़ुद्दीन, बहरीन — किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां

  • 2020: अमेरिका — लीजन ऑफ मेरिट

  • 2021: भूटान — ऑर्डर ऑफ द ड्रैगन किंग

  • 2023: मिस्र — ऑर्डर ऑफ द नाइल, फ्रांस — लीजन ऑफ ऑनर, फिजी — ऑर्डर ऑफ फिजी, पापुआ न्यू गिनी — ऑर्डर ऑफ लोगोहू, पलाऊ — एबाकल अवॉर्ड

प्रधानमंत्री मोदी को मिले ये सम्मान न केवल उनकी वैश्विक नेतृत्व क्षमता को मान्यता देते हैं, बल्कि भारत की बढ़ती कूटनीतिक साख और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में उसकी भूमिका को भी दर्शाते हैं। यह उपलब्धि भारत की नीतियों, रणनीतियों और वैश्विक दृष्टिकोण के प्रति दुनिया के विश्वास का प्रतीक है।

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