DM पर लगा अधिशासी अभियंता को डंडों से पीटने का आरोप, पिटाई मामले में DM ने दी सफाई

डिजिटल डेस्क-  आजमगढ़ में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) अरुण सचदेव ने जिलाधिकारी (डीएम) रविंद्र कुमार पर डंडों से पिटाई करने का गंभीर आरोप लगाया है। डीएम द्वारा डंडों से पिटाई की खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। अधिशासी अभियंता अरुण सचदेव के अनुसार, 13 जून 2025 की शाम डीएम ने उन्हें कैंप कार्यालय में बुलवाया। वहां पहुंचने पर डीएम के स्टेनो ने उनका मोबाइल जमा करवा लिया। सचदेव ने बताया कि कार्यालय के अंदर जाने पर डीएम ने उन्हें अपमानित करते हुए कहा कि तुम अपने आप को हीरो समझते हो, तुमसे बड़ा हीरो मैं हूं। तुम उप जिलाधिकारी को लेटर लिखोगे, तुम्हें तो मारना चाहिए। इसके बाद डीएम ने कथित तौर पर हाथ उठाया और दो-तीन डंडों से उनकी पिटाई की।

कोई मेरा कुछ नहीं कर पाएगा

डंडों से पीटने के बाद डीएम ने धमकी देते हुए कहा कि जिस किसी को बताना है तो  बता दो, मेरा कोई कुछ नहीं कर पाएगा। इसके बाद सचदेव को कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया। सचदेव ने इस मामले की शिकायत मुख्य अभियंता और लखनऊ में विभागाध्यक्ष से की है। अधिशासी अभियंता के सचदेव के अनुसार, 13 जून को मुख्य सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई थी। इसमें डीएम ने पिछले 15 सालों में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या और विस्थापित लोगों की सूची मांगी थी। इसी बैठक के बाद उन्हें कैंप कार्यालय बुलाया गया, जहां यह कथित घटना हुई।

अधिशासी अभियंता द्वारा उच्चाधिकारियों को भेजा गया पत्र

डीएम ने दी सफाई

दूसरी ओर, डीएम रविंद्र कुमार ने वायरल खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ लोग काम में रुचि लेते हैं और विकास पर ध्यान देते हैं, जबकि कुछ लोग राजनीति करते हैं। उन्होंने जिले में आईजीआरएस रैंकिंग और ग्रेडिंग में सुधार का हवाला देते हुए कहा कि सभी योजनाएं सुचारू रूप से चल रही हैं।

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने सीएम योगी को भेजा पत्र

आजाद अधिकार सेना के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने एक्‍सईएन की पिटाई मामले में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को पत्र भेजा है। पत्र में लिखा है कि एक्‍सईएन द्वारा जिलाधिकारी पर लगाए गए आरोप अत्‍यंत गंभीर प्रकृति के हैं। इसकी जांच अपर मुख्‍य सचिव स्‍तर के अधिकारी से कराते हुए आरोप के सही पाए जाने पर जिलाधिकारी को निलंबित करने के साथ एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए।