डिजिटल डेस्क- गुरूवार को अहमदाबाद में हुए भीषण प्लेन क्रैश में अबतक 241 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे के सही कारणों का पता लगाने के लिए ब्लैक बॉक्स को भी ढूंढा जा चुका है। अहमदाबाद में हुए इस भीषण हादसे की जांच का जिम्मा हाई लेवल कमेटी को दिया गया है। आपको बताते चलें कि 12 जून की दोपहर को हुआ अहमदाबाद प्लेन क्रैश लगातार सुर्खियों में है। पिछले 3 दशकों में यह सबसे भयानक विमान हादसा था, जिसमें 241 लोगों की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। इस वीभत्स दुर्घटना के बाद कई मृतकों की पहचान करना भी मुश्किल हो गया है। इस हादसे में विमान के 241 पैसेंजर्स की जान चली गई। इसके अलावा बीजे मेडिकल कॉलेज के मेस में खाना खाने गए कई एमबीबीएस स्टूडेंट्स की मौत हो गई। घटना के कई घंटे बीतने के बाद भी मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
पूर्व सीएम विजय रूपाणी के बेटे डीएनए टेस्ट के लिए पहुंचे भारत
प्लेन क्रैश के बाद लगी भीषण आग में प्लेन में मौजूद यात्रियों का शव बुरी तरह जल चुका है। ऐसे में शवों की पहचान कर पाना मुश्किल होता जा रहा है। सरकार ने शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने की मंजूरी प्रदान कर दी है। पूर्व सीएम विजय रूपाणी के बेटे ऋषभ रूपाणी अपने पिता के अंतिम संस्कार में भाग लेने और और अपने पिता के शव की पहचान करने के लिए डीएनए टेस्ट देने लंदन से भारत आ चुके हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वे किसी भी वक्त अस्पताल जाकर DNA सैंपल दे सकते हैं। ताकि शव पहचान जल्दी ही की जा सके। हादसे को 2 दिन बीत चुके हैं. कुछ लोगों की पहचान हो चुकी है जिसके बाद उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अब तक 7 शवों की शिनाख्त हो गई है।
पूर्व सीएम विजय रूपाणी के परिजनों से मुलाकात कर पीएम मोदी ने की भावुक पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे के बाद गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी के परिजनों से मुलाकात की। मुलाकात करने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर भावुक पोस्ट करते हुए लिखा कि यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि विजयभाई अब हमारे बीच नहीं हैं। मैं उन्हें दशकों से जानता था। हमने साथ मिलकर काम किया, कंधे से कंधा मिलाकर, कई मुश्किल दौरों में भी। विजयभाई विनम्र और मेहनती थे, और पार्टी की विचारधारा के प्रति पूरी तरह समर्पित थे। उन्होंने संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियां निभाईं और बाद में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में ईमानदारी से सेवा की।