मेघालय हनीमून मर्डर केस: पत्नी सोनम ने रचाया था साजिश का जाल, राजा रघुवंशी की हत्या में बड़ा खुलासा

KNEWS DESK-  मेघालय में 23 मई को लापता हुए मध्यप्रदेश के इंदौर निवासी नवविवाहित जोड़े राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी के मामले में सनसनीखेज मोड़ आ गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या थी, जिसमें मुख्य आरोपी कोई और नहीं बल्कि खुद मृतक की पत्नी सोनम रघुवंशी है।

पुलिस ने इस मामले में सोनम सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें तीन आरोपी इंदौर से पकड़े गए हैं, जिन्हें भाड़े के हत्यारे बताया जा रहा है। मेघालय पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने इन आरोपियों को ट्रैक कर मध्य प्रदेश से दबोचा, जबकि सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के एक ढाबे से बदहवास हालत में बरामद किया गया।

गाजीपुर के एसपी सिटी ज्ञानेंद्रनाथ प्रसाद ने जानकारी दी कि सोनम रविवार देर रात 1 बजे के करीब अंकुशापुर इलाके में एक ढाबे पर रोते हुए पहुंची थी। उसने ढाबा संचालक से मोबाइल मांगा और अपने भाई से बात की। ढाबा संचालक ने महिला की हालत देख तुरंत 112 नंबर पर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस सोनम को मेडिकल कॉलेज ले गई, जहां इलाज के बाद उसे महिला वन स्टॉप सेंटर भेजा गया।

पूछताछ के दौरान सोनम कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थी, लेकिन वह बार-बार अपने भाई से मिलने की जिद कर रही थी। हालांकि, अब पुलिस की पूछताछ में उसने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।

मेघालय पुलिस के डीजीपी ने पुष्टि की है कि सोनम ने ही अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या की साजिश रची थी। इसके लिए उसने इंदौर से तीन भाड़े के कातिलों को बुलवाया था, जो 23 मई को राजा और सोनम के साथ चेरापूंजी के ओसारा हिल्स क्षेत्र में देखे गए थे। इन्हीं में से एक की मदद से राजा की निर्मम हत्या कर दी गई और शव को पहाड़ी से नीचे फेंक दिया गया।

राजा का शव 2 जून को वेईसावडॉन्ग झरने के पास गहरी खाई में मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर धारदार हथियार से किए गए कई वार के निशान मिले थे। घटना स्थल से पुलिस को हत्या में इस्तेमाल किया गया नया दाओ (खासी समुदाय का पारंपरिक हथियार) भी बरामद हुआ।

राजा और सोनम की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी। शादी के बाद दोनों ने हनीमून के लिए असम के कामाख्या देवी मंदिर और फिर मेघालय जाने की योजना बनाई थी। 20 मई को दोनों गुवाहाटी पहुंचे और फिर मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में घूमने निकले।

22 मई को दोनों नोंग्रियाट गांव के प्रसिद्ध ‘लिविंग रूट ब्रिज’ देखने गए और एक होमस्टे में रात बिताई। अगले दिन यानी 23 मई की सुबह दोनों निकले और आखिरी बार एक लोकल गाइड द्वारा 3,000 सीढ़ियां चढ़ते समय देखे गए। उनके साथ तीन अन्य लोग भी थे जिन्हें गाइड ने पर्यटक समझा, लेकिन वही तीन लोग हत्या के आरोपी निकले।

जब राजा और सोनम लापता हुए, तो उनके परिजनों ने लगातार कॉल किए लेकिन जवाब नहीं मिला। बाद में उनकी किराए पर ली गई स्कूटी लावारिस हालत में मिली। 28 मई को जब पुलिस ने होमस्टे की तलाशी ली, तो उनका सामान वहीं मिला, जिससे यह साफ हुआ कि वे 23 मई के बाद कभी वापस नहीं लौटे थे।

फिलहाल पुलिस सोनम से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उसने पति की हत्या क्यों करवाई। शुरुआती जांच में सामने आया है कि शादी के बाद दोनों के बीच विवाद चल रहा था, और सोनम पहले से ही हत्या की योजना बना चुकी थी। तीन आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, और चौथे की तलाश जारी है।

राजा और सोनम के लापता होने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी, जिससे यह मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया। इंदौर से लेकर शिलांग और अब गाजीपुर तक पुलिस की टीमें लगातार इस केस की परतें खोलने में लगी हैं।

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