डिजिटल डेस्क- हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के कॉमन एलिजिबिलिटी परीक्षा 2025 के रजिस्ट्रेशन हेतु जारी आधिकारिक वेबसाइट की तरह दिखने वाली एक फर्जी वेबसाइट के माध्यम से अभ्यर्थियों से ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। इस फर्जी वेबसाइट को हाल ही में होस्टीनगर डोमेन पर रजिस्टर्ड किया गया था और इसके ज़रिए अभ्यर्थियों से रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर QR कोड के माध्यम से पैसे वसूले जा रहे थे। मामले की जानकारी मिलते ही HSSC विभाग ने तुरंत संज्ञान लिया और पंचकूला के सेक्टर-5 थाने में मामला दर्ज करवाया। पंचकूला पुलिस की साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सबसे पहले गूगल से इस फर्जी वेबसाइट को हटवाया, जिससे अन्य अभ्यर्थियों को ठगी से बचाया जा सका।
6 लोगों को लिया गया हिरासत में
पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज स्वयं इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं और लगातार जांच टीमों से अपडेट ले रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना द्वारा तीन टीमें गठित की गईं, जिनकी कार्रवाई के तहत 4 लोगों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से, एक को हरियाणा के कुरुक्षेत्र से और एक को फतेहाबाद से हिरासत में लिया गया है। जिसमें से पुलिस ने मुख्य आरोपी जिसने फर्जी वेबसाइट लिंक बनाया था उसको भी हिरासत में ले लिया है।

77 छात्रों से 22530 की ठगी
साइबर एक्सपर्ट्स की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ठगों ने फर्जी वेबसाइट के माध्यम से कम से कम 77 अभ्यर्थियों से करीब 22,530 रुपये की ठगी की है। इस विषय पर डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने युवकों को आगाह करते हुए कहा, ” पकड़ गए लोगों से हमारी टीम लगातार पूछताछ कर रही है साथ ही इसमें शामिल अन्य लोगों की भागीदारी के बारे भी पता किया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि सभी जांच में शामिल लोगों से मोबाइल फोन व बैंक खातो की जांच कर रहे है। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी केवल .gov.in डोमेन वाली आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें और किसी भी अनधिकृत लिंक, QR कोड या UPI ID से कोई भुगतान न करें। साइबर ठगी के मामलों में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि यदि कोई संदिग्ध लिंक या भुगतान माध्यम दिखाई दे, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर सूचना दें। पुलिस इस मामले में पूरी गंभीरता से कार्यवाही कर रही है और दोषियों को जल्द ही कानून के शिकंजे में लिया जाएगा।”