KNEWS DESK- हिंदू संस्कृति में हर कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त, तिथि, योग और नक्षत्र का विचार किया जाता है। इन सबकी सटीक जानकारी पंचांग से प्राप्त होती है। आज शुक्रवार, 6 जून 2025 को विक्रम संवत 2082 और शक संवत 1947 चल रहा है। यह दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को समर्पित है, जिसे निर्जला एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह एकादशी विशेष पुण्यदायक मानी जाती है और व्रतधारियों के लिए अत्यंत फलदायी होती है।
दिनांक और समय से जुड़ी जानकारी:
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तिथि: एकादशी
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मास/पक्ष: ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष
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दिन: शुक्रवार
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सूर्योदय: सुबह 5:28 बजे
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सूर्यास्त: शाम 7:07 बजे
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चंद्रोदय: —
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चन्द्र राशि: कन्या रात्रि 8:06 बजे तक, फिर तुला
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चन्द्र नक्षत्र: हस्त सुबह 6:33 बजे तक, तत्पश्चात चित्रा
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योग: व्याघात सुबह 10:12 बजे तक, फिर वारियान योग
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भद्रा: दोपहर 3:31 बजे से प्रारंभ
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पंचक: नहीं है
अभिजीत और राहुकाल:
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:31 से 12:39 तक (सर्वश्रेष्ठ समय शुभ कार्यों के लिए)
राहुकाल: सुबह 10:35 से दोपहर 12:17 तक (इस दौरान कोई शुभ कार्य वर्जित है)
दुष्टमुहूर्त: आज कोई दुष्टमुहूर्त नहीं है
आज के व्रत एवं पर्व:
व्रत: निर्जला एकादशी – बिना जल ग्रहण किए उपवास का पालन करने वाला यह व्रत सभी एकादशियों के व्रतों के बराबर फल देता है।
भीमसेनी एकादशी: महाभारत के भीमसेन से जुड़ी मान्यता के अनुसार यह व्रत किया जाता है।
दिशा शूल और उपाय:
आज का दिशा शूल: पश्चिम दिशा में यात्रा वर्जित मानी गई है।
उपाय: यदि यात्रा आवश्यक हो, तो अदरक खाकर शुभ चौघड़िया में यात्रा शुरू करें।
आज का चौघड़िया मुहूर्त (दैनिक कार्यों के लिए):
प्रातःकाल:
चर – 5:28 से 7:10 तक
लाभ – 7:10 से 8:52 तक
अमृत – 8:52 से 10:35 तक
दोपहर एवं संध्या:
शुभ – 1:59 से 3:42 तक
चर – 5:24 से 7:07 तक
रात्रिकालीन चौघड़िया:
लाभ – 9:42 से 10:59 तक
शुभ – 12:17 से 1:35 तक
अमृत – 1:35 से 2:52 तक
चर – 2:52 से 4:10 तक
आज का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व का है। निर्जला एकादशी व्रत और ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पवित्र तिथि में किए गए धार्मिक कार्य अत्यधिक पुण्य देने वाले होते हैं। अभिजीत मुहूर्त और शुभ चौघड़िया को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यों की योजना बनाएं। साथ ही राहुकाल और दिशा शूल का ध्यान अवश्य रखें।
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