KNEWS DESK- तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद भारतीय संसद का मानसून सत्र अब 21 जुलाई से शुरू होगा और यह 12 अगस्त तक चलेगा। इसकी घोषणा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को की। इस बार के सत्र को लेकर खास बात यह है कि इसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’, राष्ट्रीय सुरक्षा, पाकिस्तान के हालात और अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक प्रतिक्रियाओं जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।
हालांकि विपक्ष लंबे समय से ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा था। इसी सिलसिले में 16 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा। लेकिन सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि विशेष सत्र नहीं बुलाया जाएगा, बल्कि इन्हीं मुद्दों पर मानसून सत्र के दौरान चर्चा की जाएगी।
किरण रिजिजू ने कहा “हर सत्र अपने आप में महत्वपूर्ण होता है। हम ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी जरूरी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। विपक्ष से बातचीत चल रही है, हम चाहते हैं कि संसद एकजुट होकर काम करे।”
इंडिया गठबंधन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर सवालों की बौछार कर दी। दीपेंद्र हुड्डा ने पूछा: “जब दुनिया को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी जा सकती है, तो संसद को क्यों नहीं?” रामगोपाल यादव ने कहा: “हमारी विदेश नीति की क्या स्थिति रही? कितने देश भारत के समर्थन में आए?” संजय राउत ने तीखा हमला बोला: “अगर राष्ट्रपति ट्रंप के कहने पर युद्ध विराम हो सकता है, तो विपक्ष की मांग पर विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता?”
सूत्रों के अनुसार, मानसून सत्र के दौरान पाकिस्तान की स्थिति और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विस्तृत बहस की संभावना है। यह सत्र कुल 23 दिन चलेगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश किए जाएंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक स्थिति, और भारत की कूटनीतिक भूमिका जैसे मुद्दों पर भी गंभीर चर्चा होगी।
प्रमुख एजेंडे:
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ऑपरेशन सिंदूर की पारदर्शिता और रणनीति पर चर्चा
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पाकिस्तान की भूमिका और भविष्य की सुरक्षा नीति
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अमेरिकी दावों और भारत की प्रतिक्रिया पर सरकार से जवाब
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राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना के शौर्य पर सदन की एकजुट प्रतिक्रिया
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आगामी विधेयकों पर बहस और पारित करना
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