डिजिटल डेस्क- आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। जहां पूर्व में दिल्ली में हुए शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया को जेल की हवा खानी पड़ी थी, वहीं अब दिल्ली के क्लासरूम घोटाले में भी मनीष सिसोदिया का नाम आ रहा है। क्लासरूम घोटाले में ACB ने सत्येंद्र जैन को 6 तो मनीष सिसोदिया को 9 जून को पूछताछ के लिए बुलाया है। बताते चलें कि ACB ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में मामला दर्ज किया था।
12,748 क्लासरूम और इमारतों के निर्माण के घोटाले में आया था नाम
दिल्ली में करीब 2000 करोड़ रुपये के घोटाले से यह मामला जुड़ा हुआ है, जो 12,748 क्लासरूम और इमारतों के निर्माण में सामने आया है। ACB की जांच में खुलासा हुआ है कि क्लासरूम्स को Semi-Permanent Structure (SPS) रूप में बनाया गया, जिसकी उम्र 30 साल होती है, लेकिन इसकी लागत RCC (Pucca) क्लासरूम्स के बराबर निकली, जिसकी उम्र 75 साल होती है। परियोजना का ठेका 34 ठेकेदारों को दिया गया, जिनमें से अधिकांश का संबंध आप पार्टी से बताया गया है।
सलाहकार और आर्किटेक्ट की नियुक्ति तय किए बिना की गई प्रक्रिया
इस घोटाले के तहत किये गए सभी काम निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरे नहीं किए गए और लागत में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। सलाहकार और आर्किटेक्ट की नियुक्ति तय प्रक्रिया के बिना की गई और इन्हीं के ज़रिए लागत बढ़ाई गई. CVC (Central Vigilance Commission) की रिपोर्ट में परियोजना में कई गड़बड़ियों को उजागर किया गया था, लेकिन यह रिपोर्ट करीब तीन साल तक दबाकर रखी गई।
भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताते हुए दर्ज कराई थी शिकायत
बताते चलें कि भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना, विधायक कपिल मिश्रा और नीलकंठ बक्शी द्वारा उक्त घोटाले की दर्ज कराई गई थीं। शिकायत के अनुसार एक क्लासरूम का निर्माण 5 लाख रुपये में हो सकता था, लेकिन इस परियोजना में यह लागत 24.86 लाख रुपये प्रति कक्षा तक पहुंच गई। CVC की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि SPS निर्माण की लागत Rs. 2292 प्रति वर्ग फीट तक पहुंच गई, जो कि पक्के स्कूल भवनों की लागत Rs. 2044 – 2416 प्रति वर्ग फीट के लगभग बराबर है।