KNEWS DESK- 22 वर्षीय शर्मिष्ठा पनोली, जो पुणे की सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में कानून की छात्रा हैं और सोशल मीडिया पर एक जानी-पहचानी इन्फ्लुएंसर भी हैं, को हाल ही में कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद देशभर में बहस छिड़ गई है – क्या यह मामला धार्मिक भावनाएं भड़काने का है या एक युवा की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर लगाम?
इंस्टाग्राम पर 95,800 और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लगभग 88,300 फॉलोअर्स के साथ शर्मिष्ठा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती थीं। हाल ही में उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखनी शुरू की, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाए और पाकिस्तान के खिलाफ तीखी टिप्पणी की।
इस सबके बीच एक वीडियो सामने आया जिसमें शर्मिष्ठा पर आरोप है कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें और उनके परिवार को कई कानूनी नोटिस भेजे। जब कोई जवाब नहीं मिला तो पुलिस ने उन्हें हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया।
शर्मिष्ठा ने विवाद बढ़ने पर वीडियो को सोशल मीडिया से हटा दिया और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने IPC की धारा 153A और 295A के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि ये कार्रवाई धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने वाली सामग्री के आधार पर की गई। इस गिरफ्तारी के बाद शर्मिष्ठा के समर्थन में कई बड़ी हस्तियां सामने आई हैं। डेनमार्क के सांसद, साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण, साथ ही बॉलीवुड अभिनेत्री व बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने इस कार्रवाई की आलोचना की और इसे “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला” बताया।
फिलहाल शर्मिष्ठा पनोली को 13 जून 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उनके वकीलों की ओर से ज़मानत के लिए अर्जी देने की तैयारी चल रही है। यह देखना अब अहम होगा कि कोर्ट इस पूरे मामले को कैसे देखता है – एक संवेदनशील धार्मिक मुद्दे के रूप में या सोशल मीडिया की आज़ादी और सीमाओं के बीच संघर्ष के रूप में।
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