दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता का बड़ा फैसलाः इमरजेंसी में जेल गए मीसा बंदियों को मिलेगी पेंशन

डिजिटल डेस्क- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आपातकाल के दौरान जेल गए बंदियों को आर्थिक लाभ देने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद से ही आपातकाल के दौरान जेल गए बंदियों ने राहत की सांस लेते हुए सरकार के इस कदम की सराहना की। दिल्ली सरकार मीसा बंदियों को पेंशन देने की इस पहल को एक बड़ा कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में घोषणा की है कि इमरजेंसी के दौरान जेल गए लोगों को पेंशन और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।इमरजेंसी में जेल गए लोगों को पेंशन देगी।

क्या होती है मीसा बंदी पेंशन

मीसा बंदी पेंशन एक ऐसी योजना है, जिसके तहत 1975-1977 के बीच भारत में आपातकाल के दौरान मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (MISA) और डिफेंस ऑफ इंडिया रूल्स (DIR) के तहत जेल में बंद किए गए लोगों को सम्मान निधि या पेंशन प्रदान की जाती है। कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन के साथ मीसा बंदी पेंशन को बंद या फिर से शुरू करने को लेकर राजनीतिक विवाद रहा है। भाजपा सरकारों ने इसे लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान बताते हुए फिर शुरू किया। जबकि कांग्रेस सरकारों ने इसे फिजूलखर्ची करार दिया। बता दें कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी जो 21 मार्च 1977 तक लागू रहा। उस दौरान नागरिकों के अधिकारों को छीन लिया गया था। बिना किसी कारणों के हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया था।

क्या कहा सीएम रेखा गुप्ता ने?

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछली सरकारों ने देश में लागू इमरजेंसी के समय लोकतंत्र की रक्षा के लिए महीनों तक जेलों में बंद रहे लोगों को कोई राहत नहीं दी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन देने का फैसला किया है। रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि ऐसा कई अन्य राज्यों की सरकारें भी कर रही हैं।

यूपी, एमपी, बिहार समेत कई राज्यों में मिलती है मीसा पेंशन

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व बिहार में भी इन्हें पेंशन मिलती है। दिल्ली में भी लोकतंत्र सेनानियों को अन्य राज्यों की तरह सम्मान निधि देने की बात होती रही है। वर्ष 2014 में लोकतंत्र सेनानी संघ का गठन किया गया है। भाजपा नेताओं ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान इन्हें सम्मान देने का वादा किया था। अब दिल्ली में भाजपा की सरकार है। शीघ्र ही यहां के लोकतंत्र सेनानियों को भी सम्मान राशि देने की घोषणा हो सकती है। आपको बताते चलें कि ओडिशा में भाजपा की सरकार बनने पर इस वर्ष जनवरी में लोकतंत्र सेनानियों को प्रति माह 20 हजार रुपये आर्थिक मदद करने की घोषणा की गई थी। वहीं मार्च में राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा में मीसा बंदियों को पेंशन देने का विधेयक पारित किया गया। हरियाणा सरकार ने इसी वर्ष फरवरी में इनकी पेंशन राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रति माह की है।