डिजिटल डेस्क- कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने वर्ष 2022 में काफी तबाही मचाई थी। उस समय कोविड के प्रभाव ने पूरी दुनिया में त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा दिया था। वर्ष 2025 में कोरोना ने फिर से दस्तक दी है। अभी पिछले दिनों कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के सामने आने के बाद इसके बारे में रिसर्च चल ही रही थी, वहीं कोरोना के दूसरे नए वैरिएंट NB1.8.1 ने भी दस्तक दे दी है। इन नए वैरिएंट का रूप क्या होगा, इसका प्रभाव क्या पड़ेगा आदि प्रश्नों की रिसर्च लगातार चल रही है। आइये जानते हैं इन दोनों वैरिएंट के लक्षणों, प्रभावों और बचाव को….
क्या है वैरिएंट NB1.8.1?
NB.1.8.1 दरअसल ओमिक्रॉन के JN.1 वेरिएंट की एक नई शाखा (Sublineage) है। इसका पहला मामला चीन में पाया गया और देखते ही देखते यह वहां तेजी से फैल गया। अब यह सिंगापुर, हांगकांग और अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी पाया गया है। WHO ने इसे “वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग (VUM)” की कैटेगरी में रखा है, यानी यह एक ऐसा वेरिएंट है जिस पर निगरानी रखी जा रही है क्योंकि इसके फैलने की दर तेज हो सकती है। WHO के अनुसार, यह वेरिएंट XDV.1.5.1 से निकला है और इसकी पहली पुष्टि 22 जनवरी 2025 को हुई थी।
अभी तक के आंकड़ों से तो ऐसा नहीं लगता कि NB.1.8.1 पहले के वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा गंभीर बीमारी फैला रहा है। हालांकि, इसकी संक्रमण फैलाने की क्षमता ज्यादा मानी जा रही है, यानी यह तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में लक्षण हल्के ही हैं।
सावधानी
- कोविड टीकाकरण और बूस्टर डोज समय पर लें
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
- हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें
- लक्षण महसूस हों तो तुरंत टेस्ट कराएं
- स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन्स का पालन करें
भारत में कैसी है स्थिति
भारत में अभी JN.1 और अन्य नए वेरिएंट के मामलों की संख्या सीमित है, लेकिन अलग-अलग राज्यों में इसके केस सामने आ रहे हैं। खासकर केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में इसकी उपस्थिति दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है। अच्छी बात यह है कि भारत की टीकाकरण कवरेज काफी बेहतर है और हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर मेडिकल संसाधन उपलब्ध हैं, जिससे हम इस स्थिति से निपटने में सक्षम हैं।