कंधे पर मरीज, रिक्शा में मृत शरीर ?

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड का सीमांत क्षेत्र मुनस्यारी हो या शहरी क्षेत्र रामनगर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल रहे है। सीमांत क्षेत्र मुनस्यारी में आज भी कई गांव ऐसे है जहाँ बीमार होने वाले लोगों को डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है। शहरी क्षेत्र रामनगर में तो मानवता को ताक पर ही रख दिया गया। मरीज़ की मौत होने के बाद शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस का इंतज़ाम तक नही हो पाया. शव को ई-रिक्शा में लाद कर ले जाया जाता है। यह घटना रामनगर के उप-जिला चिकित्सालय में सामने आई है. जहां एक शव को अस्पताल से मोर्चरी तक ई-रिक्शा में ले जाया गया। यह मामला सोशल मीडिया  पर सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय करार दिया है. उन्होंने मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक करेंगे, जबकि अन्य दो सदस्य निदेशक प्रशासन और निदेशक स्वास्थ्य, कुमाऊं मंडल होंगे। समिति को 30 मई तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। वही दूसरी ओर कोरोना ने भी एक बार फिर दस्तक दे दी है। राजधानी देहरादून में कोरोना के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट जारी वही दूसरी और बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की चौंकाने वाली तस्वीरे सामने आ रही है ऐसे में प्रदेश की लचर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राजनीति गरमा गई है।

आपको बता दे सीमांत क्षेत्र मुनस्यारी के गोरी पार के शेर सिंह कुंवर पिछले दिनों अपनी भेड़ बकरियां लेकर पंचाचूली बेस कैंप के आसपास के बुग्यालों में गए थे। बीते रोज अचानक उनके पेट में भीषण दर्द शुरू हो गया। उनके साथ गए एक अन्य पशुपालक ने इसकी सूचना गांव के लोगों को दी। लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलकर ग्रामीण पंचाचूली बेस कैम्प पहुंचे। मरीज को सड़क तक लाने की कोई व्यवस्था नहीं होने पर ग्रामीणों ने आसपास से लकड़ियां एकत्रित कर स्ट्रैचर तैयार किया और इसी पर बांधकर उन्हें सड़क तक लाया गया। उन्हें सड़क तक लाने के लिए ग्रामीणों को खतरनाक चट्टानी रास्तों में जान जोखिम में डालकर गुजरना पड़ा। जिसके बाद मुनस्यारी में उपचार किया गया। पंचाचूली बेस कैंप तक पैदल मार्ग बनाए जाने के लिए एसीपी, एसटीपी मद में धनराशि स्वीकृत की गई थी, इस धनराशि से धरातल पर कोई काम नहीं हुआ। यहां पहुंचने वाले लोगों को आज भी चट्टानों पर खतरनाक मार्ग पार करना पड़ता है। पंचाचूली बेस कैंप पर भारी संख्या में हर साल पर्यटक भी आते हैं. लेकिन सड़क मार्ग के हालात बहुत खराब है. तहसील क्षेत्र के अंतर्गत मुनस्यारी बेस कैंप तक मार्ग बनाए जाने की कई बार घोषणाएं को चुकी हैं, लेकिन सड़क मार्ग बन नही पाया है। जिस कारण आये दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोल दिया है।

वही देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी है. इस साल कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 ने पिछले एक महीने में हांगकांग, सिंगापुर समेत कई देशों में तेजी से फैल रहा है. अन्य देशों में दस्तक देने के साथ ही भारत में भी दस्तक दे दी है, हालांकि भारत में अभी स्थिति सामान्य है. पिछले एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण के मामले देश के महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल के साथ ही अन्य राज्यों में सामने आए हैं. जिसको देखते हुए भारत सरकार ने देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने भी कोविड- 19 के रोकथाम से संबंधित दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. स्वास्थ्य महानिदेशक सुनीता टम्टा ने बताया अभी तक भारत में 277 मामले मिले हैं वहीं उत्तराखंड में भी दो मामले सामने आए हैं। हालांकि यह दोनों मामले माइग्रेंट है एक गुजरात से है जो ऋषिकेश में पूजा करने पहुंची थी जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल से आई एक महिला का है। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि सभी सीएमओ को निर्देशित किया गया है कि ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग कर जांच की जाए, इसके साथ ही सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा जाए, ऑक्सीजन की किसी प्रकार की कोई कमी ना हो बेड भी खाली रखे जाएं।

आपको बता दे प्रदेश में एक तरफ चार धाम यात्रा चल रही है लाखो की संख्या में श्रद्धालु प्रदेश में आ रहे है। वही कोरोना ने भी अपनी दस्तक दे दी है ,ऐसे में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड़ में रखा गया है ,और प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओ का दावा भी किया जा रहा है। वही स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुलती ये तस्वीरें ये बयान कर रही है की प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग कितना सतर्क है अपनी जिम्मेदारियों को लेकर जहां पहाड़ो के दुर्गम छेत्र हो या शहरों के जिला अस्पताल मरीज कंधो पर सवार है, और मृतकों के लिए कोई एम्बुलेंस की सुविधा तक उपलब्ध नहीं आप इससे खुद ही अंदाजा लगा ले अगर प्रदेश में कोरोना महामारी फिर से बढ़ती है तो स्वास्थ्य विभाग के हाथ खाली ही नजर आएंगे ऐसे में सरकार को पूर्व में कोरोना की वजह से हुए नुकसान को लेकर सबक लेना चाहिए नहीं हो प्रदेश की आम जनता को स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से जान से हाथ धोना पड़ सकता है।