KNEWS DESK- ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव के बीच, कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में पहुंचे। उन्होंने वहां पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) के पास की गई गोलाबारी से प्रभावित रिहायशी इलाकों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हालचाल जाना।
पिछले महीने 6-7 मई की रात भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत कई सटीक हमले किए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से पुंछ समेत कई सीमावर्ती क्षेत्रों में तोपखाने की गोलीबारी, मिसाइल और ड्रोन हमले बढ़ गए, जिसमें कई आम नागरिक मारे गए और दर्जनों घायल हुए। पुंछ जिले में अकेले 13 लोगों की मौत हुई और 70 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस गोलाबारी से प्रभावित हजारों लोग अपने घर छोड़कर सरकारी राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए थे।
राहुल गांधी ने पुंछ में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा का भी दौरा किया, जो गोलाबारी में क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके अलावा वह एक मंदिर, मदरसा और एक ईसाई मिशनरी स्कूल का भी निरीक्षण करेंगे। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर यूनिट के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने बताया कि राहुल गांधी इस यात्रा के दौरान शोकसंतप्त परिवारों और नागरिक समाज के लोगों से मिलकर उनके दर्द और हौसले को साझा करेंगे। कर्रा ने कहा, “राहुल गांधी ऐसे पहले राष्ट्रीय नेता हैं जो प्रभावित आबादी के प्रति एकजुटता व्यक्त करने और उनके दुःख को समझने के लिए सीधे उनके पास पहुंचे हैं।”
पुंछ पहुंचने से पहले राहुल गांधी जम्मू एयरपोर्ट पर उतरे और हेलीकॉप्टर से सीमापार से की गई गोलाबारी प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर अपनी यात्रा के बारे में लिखा, “पुंछ में पाकिस्तान की गोलाबारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मुलाकात की। हर ओर टूटे मकान, बिखरा सामान, नम आंखें और अपनों को खोने की दर्द भरी दास्तान है। मैं उनके हौसले को सलाम करता हूं।”
यह राहुल गांधी का आतंकवादी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश का दूसरा दौरा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले के बाद राहुल गांधी 25 अप्रैल को श्रीनगर भी गए थे और वहां उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तथा अन्य हितधारकों से मुलाकात की थी। दोनों देशों के बीच 4 दिन तक जारी तनाव के बाद 10 मई को फिर से सीजफायर पर सहमति बनी, जिससे सीमा से सटे दोनों ओर से फायरिंग बंद हो गई। अब भी इस क्षेत्र में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी जारी है।
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