पानी को लेकर पाकिस्तान में बवाल, प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृहमंत्री के घर को बनाया निशाना

KNEWS DESK – पाकिस्तान में पानी को लेकर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। सिंध और पंजाब के बीच जल बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद अब हिंसक हो गया है। हालात इतने तनावपूर्ण हो चुके हैं कि प्रदर्शनकारियों ने सिंध प्रांत के गृहमंत्री जियाउल हसन लंजर के घर पर हमला कर दिया और उसे आग के हवाले कर दिया। पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल है और प्रशासन के लिए स्थिति को संभालना चुनौती बन गया है।

पानी के संकट से उपजा गुस्सा

गर्मी के बढ़ते प्रकोप के साथ-साथ पानी की किल्लत ने आम जनता की परेशानी को चरम पर पहुंचा दिया है। सिंध और पंजाब में जल वितरण को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा था, लेकिन अब यह टकराव हिंसा में तब्दील हो गया है। सिंध प्रांत के लोग आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें उनके हिस्से का पानी नहीं मिल रहा और पंजाब सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है।

प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री के घर को बनाया निशाना

सिंध के नौशहरो फिरोज जिले में हालात सबसे ज्यादा बिगड़े। मोरो तालुका में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृहमंत्री जियाउल हसन लंजर के घर पर धावा बोल दिया। घर में जमकर तोड़फोड़ की गई और कमरे फर्नीचर फूंक दिए गए। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों के पास हथियार भी थे और उन्होंने गार्ड्स पर हमला करने की कोशिश की, जिसके जवाब में गार्ड्स ने हवाई फायरिंग की।

https://x.com/ravipandey2643/status/1925104185835467028

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत

ट्रिब्यून एक्सप्रेस’ के अनुसार, जब प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोकने का प्रयास किया, जिससे हालात और बिगड़ गए। दोनों पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई, जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। हिंसा के दौरान कई ट्रकों में आग लगा दी गई और लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं।

सवालों के घेरे में सरकार की नीति

इस पूरे घटनाक्रम ने पाकिस्तान सरकार की जल नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पानी के असमान वितरण और कॉर्पोरेट फार्मिंग प्रोजेक्ट्स के लिए किसानों की जमीन और जल संसाधनों का उपयोग ग्रामीण जनता को खासा नाराज कर रहा है। लोगों का आरोप है कि सरकार बड़े उद्योगों को फायदा पहुंचाने के लिए आम जनता को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित कर रही है।