उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे सत्यापन अभियान के तहत उत्तराखंड पुलिस ने देहरादून में अवैध रूप से रह रहे छह बांग्लादेशी नागरिकों और उनकी मदद करने वाले दो भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई देहरादून और हरिद्वार जिलों में चल रहे घुसपैठियों की पहचान के विशेष सत्यापन अभियान के तहत की गई। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि शनिवार को क्लेमनटाउन क्षेत्र में एसओजी, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारकर पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया, जिनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। उनके साथ मौजूद भारतीय महिला पूजा रानी और एक भारतीय नाबालिग बच्चे को भी हिरासत में लिया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में निर्मल राय, शेम राय, उनकी पत्नी लिपि राय, मुनीर चंद्र राय उर्फ उज्ज्वल और उसका भांजा कृष्णा उर्फ संतोष शामिल हैं। इनके साथ चार नाबालिग बांग्लादेशी बच्चे भी थे, जिन्हें पुलिस संरक्षण में ले लिया गया है। पूछताछ में सामने आया कि मुनीर चंद्र राय 12 साल पहले पश्चिम बंगाल के राधिकापुर बॉर्डर से अवैध रूप से भारत में दाखिल हुआ था। उसने पहले नोएडा में काम किया, फिर फरीदाबाद में एक मुस्लिम महिला पूजा रानी उर्फ रोसना से शादी की। अब दोनों की दो बेटियां हैं। पुलिस ने मुनीर के पास से फर्जी आधार कार्ड और निवास प्रमाणपत्र, जबकि अन्य के पास से बांग्लादेशी पहचान पत्र बरामद किए हैं। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता और पासपोर्ट अधिनियम 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वही लम्बे समय से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिको को लेकर विपक्ष ने प्रदेश की कानूनी व्यवस्ता पर सवाल खड़े कर दिए है।
आपको बता दे आरोपी मुनीर चंद्र राय ने पूछताछ मे बताया कि वह 16 वर्ष की आयु में राधिकापुर बॉर्डर कल्याण गंज पश्चिम बंगाल से अपने मामा के घर धनकल कल्यानगंज आया था. जहां वह दो वर्ष तक रहा। उसके बाद आरोपी मुनीर ने नोएडा में 02 साल तक काम किया फिर अपने मामा के पास वापस लौट गया। मुनीर ने वर्ष 2016 में पूजा रानी से विवाह किया गया। पूजा रानी का यह दूसरा विवाह है, जिसके पूर्व पति शमशुर का देहांत हो चुका है। पहले पति से महिला के 02 लड़के है, जिनमें से एक लडका राजस्थान में रहता है दूसरा महिला के साथ देहरादून में रहता है। मुनीर से महिला की दो लडकिया है। साल 2016 में झज्जर राजस्थान में आरोपी मुनीर ईट भट्टे पर काम करता था. जिसके बाद मुनीर वापस बंगाल अपने मामा के घर चला गया था। वर्ष 2023 में अलाउद्दीन को बांग्लादेश से भारत आने में सहायता की और उसको लेकर हर्रावाला देहरादून आया। मुनीर ने हर्रावाला देहरादून में निर्मित कैंसर हॉस्पिटल में कार्य किया, इसके बाद मुनीर वापस चला गया। उसके बाद नुर इस्लाम ने मुनीर की बांग्लादेश से भारत आने में सहायता की तथा मुनीर को लेकर देहरादून आया तथा अलग-अलग जगह कार्य करता रहा। फिलहाल मुनीर क्लेमेंटाउन क्षेत्र में अपनी पत्नी पूजा रानी व अन्य बांग्लादेशी 04 व्यक्तियों के साथ मजदूरी कर रहा था। वर्तमान में मुनीर के साथ इसकी बीवी पूजा रानी उर्फ रेशमा व दो बेटियां निवास कर रही थी। देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि शनिवार को क्लेमनटाउन क्षेत्र में एसओजी, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मारकर पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।
वही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लम्बे समय से रह रहे पाँच बांग्लादेशी व एक भारतीय महिला के साथ चार नाबालिक बच्चे भी साथ में रह रहे थे। देहरादून के क्लेमेंटाउन क्षेत्र में सत्यापन की कार्यवाही के दौरान बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ कर वैध दस्तावेज मांगे गए तो कोई भी बांग्लादेशी वैध दस्तावेज पासपोर्ट/वीजा नही दिखा पाया। इस दौरान एक बांग्लादेशी नागरिक मुनीर चन्द्र राय से पटना बिहार व पश्चिम बंगाल के 02 अवैध आधार कार्ड बरामद हुये है और कृष्णा व निर्मल राय से बांग्लादेश की आई0डी0 बरामद हुयी है। सभी बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर निवास करने के अपराध में और भारतीय महिला को षड्यंत्र के तहत बांग्लादेशी नागरिकों की सहायता करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया। वही विपक्ष ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी ही वोट बैंक के खातिर बाहरी व्यक्तियों को यहां लाकर बसाती है और फिर अतिक्रमण को लेकर राजनीति करती है।
अब तक जानकारी के मुताबिक भारतीय महिला ने इन बांग्लादेशी नागरिकों को देश में शरण दिलाने और रहने में सहायता की थी. इस आधार पर उसे भी षड्यंत्र और सहयोग के आरोप में गिरफ़्तारी की गई. चार नाबालिग बांग्लादेशी बच्चों को पुलिस ने तत्काल संरक्षण में लिया है और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सूचित किया गया है. पुलिस में सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा उनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की गई है. पुलिस के अनुसार, इस पूरे मामले की जांच मिलिट्री इंटेलिजेंस, ब्यूरो (IB) और एलआईयू की संयुक्त टीम कर रही है. साथ ही राज्य में लगातार बाहर से आ नागरिको से पूछताछ जारी है.पुलिस घर घर जाकर सत्यापन कर रही है ताकि पता लग सके की प्रदेश में कोई बाहरी तत्व आ कर इस प्रदेश का माहौल ख़राब ना कर सके।