संभल- संभल की गुन्नौर तहसील क्षेत्र में सरकारी भूमि को फर्जी तरीके से 58 लोगों के नाम आवंटित कर करोड़ों रुपये के जमीन घोटाले को अंजाम देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। करीब 326 बीघा (82.5 हेक्टेयर) जमीन का यह घोटाला चकबंदी अधिकारियों, लेखपालों और अन्य कर्मियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई के आदेश एवं अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) अनुरुद्ध शर्मा के निर्देशन में थाना गुन्नौर पुलिस ने छह साल पुराने इस घोटाले का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
2018 में दर्ज हुआ था मामला
गौरतलब है कि मामला वर्ष 2018 में थाना गुन्नौर में दर्ज हुआ था, जब वादी कुलदीप सिंह, चकबंदी लेखपाल ने एक तहरीर दी। उसमें आरोप था कि ग्राम सुसेई (गैर आबादी क्षेत्र) की लगभग 326 बीघा जमीन 55 लाभार्थियों के नाम पर आवंटित कर दी गई है। यह भूमि करोड़ों रुपये मूल्य की बताई जा रही है। जांच में सामने आया कि जिन लोगों को भूमि आवंटित की गई, वे न तो ग्राम के निवासी थे और न ही किसी प्रकार से पात्र। इसके बावजूद उनके नाम भूमि दर्ज कर दी गई। दस्तावेजों की गहन जांच में कुल 67 नाम सामने आए, जिनमें से 58 लाभार्थी फर्जी पाए गए। सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर 58 फर्जी लाभार्थियों की सूची तैयार की गई। उन्हें लाभार्थी दिखाकर सरकारी भूमि का आवंटन दर्शाया गया, ताकि भविष्य में वे उस भूमि पर कब्जा कर सकें या उसे बेच सकें।

इन लोगों की हुई गिरफ्तारी
- कालीचरण पुत्र गोपाल सिंह (लेखपाल)
- रामौतार पुत्र भूदेव सिंह
- रामनिवास पुत्र ममफूख
- मोहरसूद पुत्र होलिल (लेखपाल)
इन लोगों के नाम आये सामने
- जितेंद्र कुमार – चपरासी, निवासी जनपद एट
- मुकेश बाबू – पुत्र नितिन कुमार, निवासी जनपद शाहजहांपुर
- राजीव कुमार – चकबंदी लेखपाल, पुत्र सोनू कुमार, जनपद सम्भल (अब मृत)