KNEWS DESK- भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में शुमार विराट कोहली ने सोमवार सुबह अपने टेस्ट करियर को अचानक विराम दे दिया। 14 साल तक टेस्ट क्रिकेट में भारत का परचम लहराने वाले इस दिग्गज खिलाड़ी ने 123 टेस्ट मैचों में 9230 रन बनाकर, 30 शतक और 7 दोहरे शतक के साथ एक गौरवशाली सफर पूरा किया। लेकिन इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले लिया गया यह फैसला सिर्फ एक संयोग है या इसके पीछे कोई गहरी वजह छुपी है? यह सवाल अब हर क्रिकेट प्रेमी के मन में उठ रहा है।
नाराजगी या रणनीति? क्या है असली वजह?
1. बीसीसीआई से टकराव की अटकलें
सूत्रों के अनुसार, विराट कोहली के अचानक संन्यास के पीछे बीसीसीआई से नाराजगी एक बड़ी वजह मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि एक सीनियर खिलाड़ी इंग्लैंड दौरे पर रोहित शर्मा के संभावित संन्यास के बाद टेस्ट टीम की कप्तानी करना चाहता था, लेकिन बोर्ड ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह खिलाड़ी विराट कोहली ही हो सकते हैं। अगर ऐसा है, तो कोहली का यह फैसला भावनात्मक और संस्थागत टकराव का परिणाम भी हो सकता है।
2. लगातार गिरता प्रदर्शन
कोहली की टेस्ट फॉर्म पिछले कुछ वर्षों से चिंता का विषय बनी हुई थी।
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2020 में उनका औसत सिर्फ 19.33,
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2021 में 28.21,
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2022 में 26.50 रहा।
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2023 में जरूर उन्होंने वापसी की और औसत 50+ रहा, लेकिन पिछले साल (2024) फिर से 10 टेस्ट में मात्र 417 रन, औसत 24.52 रहा।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी कोहली का प्रदर्शन फीका रहा — 5 टेस्ट में केवल 190 रन, औसत 23.75।
3. वर्कलोड और पारिवारिक प्राथमिकताएं
कोहली अब 36 वर्ष के हो चुके हैं। तीनों फॉर्मेट और फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट के बीच संतुलन बनाना किसी भी खिलाड़ी के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में वर्कलोड मैनेजमेंट और परिवार के साथ समय बिताने की प्राथमिकता भी इस फैसले के पीछे एक कारण हो सकती है।
एक नजर कोहली के ऐतिहासिक टेस्ट करियर पर
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मैच: 123
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रन: 9230
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औसत: 46.85
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शतक: 30
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अर्धशतक: 31
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दोहरा शतक: 7 (भारतीय रिकॉर्ड)
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टेस्ट में सबसे सफल भारतीय कप्तान: 40 जीत
विराट कोहली ने अपने संन्यास की घोषणा करते समय लिखा कि वे “मुस्कान के साथ” अपने करियर को देखना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 10,000 टेस्ट रन का उनका सपना अधूरा रह गया। वह सिर्फ 770 रन दूर थे इस उपलब्धि से।
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