KNEWS DESK- भारत की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में फैले डर से लोग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि पाक पर दोहरी मार करते हुए BLA ने पाकिस्तानी सेना पर हमला कर दिया है। BLA की तरफ से सैनिकों के वाहन पर हमला किया गया, जिसमें 12 सैनिकों की मौत की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि BLA की तरफ से किया गया हमला रिमोट बन से हुआ है। BLA सदस्यों ने पाकिस्तानी सेना के वाहन को निशाना बनाते हुए वाहन को बम से उड़ा दिया। बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने बोलन घाटी के मच कुंड के पास हमले को अंजाम दिया है। बोलन घाटी वही इलाका है, जहां इसी साल मार्च में बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था। पाकिस्तानी सेना को ट्रेन को छुड़ाने में 36 घंटे से ज्यादा समय लगा था।
गश्त के दौरान हुआ हमला
बताया जा रहा है कि ये हमला तब हुआ जब पाकिस्तानी सेना के जवान गश्त अभियान कर रहे थे। इसी दौरान घात लगाकर बैठे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के विशेष सामरिक ऑपरेशन दस्ते ने रिमोट कंट्रोल आईईडी विस्फोट के जरिए जवानों से भरे वाहन को निशाना बनाया। धमाके के बाद वाहन के परखच्चे उड़ गए। बीएलए से जुड़े हक्काल मीडिया ने हमले का वीडियो जारी किया है।
कई मीटर तक हवा में उड़े सेना के जवानों के शव के चिथड़े
पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान के कच्छी जिले के माच क्षेत्र में सुरक्षाबल की एक गाड़ी पर घात लगातार IED से हमला किया गया। यह हमला मंगलवार को किया गया था, लेकिन हमले की फुटेज अब सोशल मीडिया पर सामने आई है। फुटेज में दिख रहा है कि धमाके के बाद गाड़ी में सवार जवान कई मीटर तक हवा में उड़ गए। जवानों के चिथड़े भी हो गए। हमले के बाद पाकिस्तानी सेना की ओर से कहा गया कि बलूच लिबरेशन आर्मी के आतंकवादियों ने माच क्षेत्र में सुरक्षाबल की एक गाड़ी को विस्फोटकों से निशाना बनाया। सेना ने बताया था कि इस हमले में उसके 7 सैनिक मारे गए हैं। आतंकवादियों को मार गिराने के लिए इलाके की तलाशी ली जा रही है।
पाक पर जबरन विलय का आरोप लगा करते हैं हमला
बलूची पाकिस्तान पर जबरन विलय का लगातार आरोप लगाते रहैं है। बलूचियों का कहना है कि पाक उनके साथ अपने आप को जोड़ता है और बलूचियों पर अत्याचार करता है। 1947 में ब्रिटिश राज के अंत के बाद, बलूचिस्तान एक स्वतंत्र रियासत (खान ऑफ कलात) के रूप में मौजूद था। बलूच नेताओं ने पाकिस्तान में शामिल होने से मना किया, लेकिन 1948 में पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को जबरन अपने में मिला लिया। इसे बलूच राष्ट्रवादी आज भी “जबरन कब्जा” मानते हैं।