पहलगाम में हमला करने वालों के ठिकानों का चल गया पता, जानें मिशन 54 के लिए कितनी तैयार है सेना…

KNEWS DESK-  पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे दक्षिण कश्मीर में बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को हमलावर आतंकियों के ठिकानों और मूवमेंट से जुड़े अहम सुराग मिल गए हैं। बैसरन घाटी से निकलने वाले 54 अलग-अलग रास्ते अब जांच और तलाशी अभियान की प्रमुख दिशा बन चुके हैं।

बैसरन घाटी से यह रास्ते या तो ऊपरी पहाड़ियों और घने जंगलों की ओर जाते हैं या नीचे की तराई में जाकर कश्मीर के अन्य हिस्सों से जुड़ते हैं। माना जा रहा है कि आतंकियों ने हमले के बाद इन्हीं मार्गों से फरार होने की कोशिश की। सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस इन इलाकों में संयुक्त सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।

अब तक की कार्रवाई में कई ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को गिरफ्तार किया जा चुका है। सुरक्षा बल इन गिरफ्तार किए गए लोगों को साथ लेकर जंगलों में संभावित हाइडआउट्स की तलाश कर रही है। कई हाइडआउट्स का पता भी चला है, लेकिन फिलहाल वहां से कोई ताजा गतिविधि नहीं मिली है, जिससे अंदेशा है कि आतंकी अब भी जंगलों में छिपे हो सकते हैं। जांच से पता चला है कि इस हमले में तीन आतंकियों ने सीधे गोलीबारी की थी, जबकि बाकी आतंकियों ने बैकअप में रहकर उन्हें सपोर्ट किया। आतंकी न केवल हाईली ट्रेंड थे, बल्कि उन्होंने हमले से पहले टूरिस्ट स्पॉट्स की रेकी भी की थी। उनका उद्देश्य स्पष्ट रूप से धार्मिक आधार पर लोगों को निशाना बनाना और डर का माहौल फैलाना था। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश टूरिस्ट थे। आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर गोलियां चलाईं, जिससे हमले की क्रूरता और उग्र रूप साफ जाहिर होता है।

इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक संगठन है। हमले की जांच 27 अप्रैल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। एनआईए ने पहले से हिरासत में लिए गए OGWs से पूछताछ शुरू कर दी है और सबूत जुटाने में लगी है।

हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ राजनयिक स्तर पर सख्त कदम उठाए हैं। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश घोषित करने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है।

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