वैभव सूर्यवंशी के शतक पर उठे सवाल, सामने आया सच

KNEWS DESK –  IPL 2025 के सीज़न में एक नाम अचानक हर क्रिकेटप्रेमी की ज़ुबान पर चढ़ गया — वैभव सूर्यवंशी। महज़ 14 साल की उम्र में उन्होंने 28 अप्रैल को गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों में शतक ठोककर इतिहास रच दिया। ये कोई मामूली उपलब्धि नहीं थी। वैभव ना सिर्फ IPL में सबसे तेज़ शतक लगाने वाले भारतीय बने, बल्कि T20 क्रिकेट इतिहास में सबसे कम उम्र में सेंचुरी जड़ने वाले खिलाड़ी भी।

उनकी उस आतिशी पारी ने सभी को चौंका दिया था। 101 रनों की पारी में 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे। लग रहा था कि क्रिकेट को नया सुपरस्टार मिल गया है। लेकिन क्रिकेट की दुनिया में उतार-चढ़ाव हमेशा खिलाड़ी की असली परीक्षा होती है — और शायद यही दौर अब वैभव के सामने है।

लगातार दो नाकामियां, वही गेंदबाज़ी पैटर्न

शतक के ठीक बाद, वैभव की अगली दो पारियां बेहद निराशाजनक रहीं। 1 मई को मुंबई इंडियंस के खिलाफ वो बिना खाता खोले लौटे, और फिर 4 मई को कोलकाता नाइट राइडर्स के सामने भी दो गेंदों में ही पैवेलियन लौट गए। इन दोनों बार उनका विकेट एक जैसी गेंद पर गिरा — बाहर जाती गेंद, और शॉट सेलेक्शन में चूक।

मुंबई के खिलाफ दीपक चाहर की ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर वैभव ड्राइव करने के चक्कर में कैच थमा बैठे। वहीं KKR के खिलाफ अरोड़ा की आउटस्विंगर ने उनकी कमज़ोरी एक बार फिर उजागर कर दी। इसका मतलब साफ है — गेंदबाज़ अब उनकी कमजोरी भांप चुके हैं।

सवाल उठता है: क्या वो शतक तुक्का था?

ये सवाल अब हर ओर गूंज रहा है कि क्या वैभव का वो धमाकेदार शतक सिर्फ एक तुक्का था? या फिर वो सच में एक खास प्रतिभा हैं जो जल्द ही अपने खेल को सुधारकर वापसी करेंगे? आलोचना की वजह केवल दो असफल पारियां नहीं, बल्कि उसमें दिखी तकनीकी खामियां हैं — खासकर बाहर जाती गेंदों के खिलाफ उनका रवैया।

राजस्थान रॉयल्स को अब अगला मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स और फिर पंजाब किंग्स से खेलना है। ये दोनों मैच वैभव सूर्यवंशी के लिए बेहद अहम होंगे। यहां उन्हें खुद को दोबारा साबित करना है, न सिर्फ रन बनाकर, बल्कि तकनीकी सुधार दिखाकर।