आर. माधवन ने उठाए NCERT के सिलेबस पर सवाल, कहा – ‘ये किसकी कहानी है जो हम बच्चों…’

KNEWS DESK – बॉलीवुड एक्टर आर. माधवन ने स्कूली बच्चों को पढ़ाई जा रही NCERT की इतिहास की किताबों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। हाल ही में 7वीं कक्षा की किताबों से मुगल साम्राज्य और दिल्ली सल्तनत से जुड़े कुछ चैप्टर्स हटाए जाने के फैसले पर चल रही बहस में शामिल होते हुए माधवन ने कहा कि भारत के प्राचीन और वैदिक इतिहास, विशेष रूप से चोल, पल्लव और चेर साम्राज्य, को पाठ्यक्रम में वह स्थान नहीं दिया गया, जो मिलना चाहिए था।

“मुगलों पर 8 चैप्टर, चोल साम्राज्य को सिर्फ एक”

एक इंटरव्यू में आर. माधवन ने कहा, “जब मैंने स्कूल में इतिहास पढ़ा था, तब मुगलों पर 8 चैप्टर थे। हड़प्पा, मोहनजोदड़ो पर दो चैप्टर, स्वतंत्रता संग्राम पर चार चैप्टर थे। लेकिन चोल, पल्लव और चेर जैसे महान दक्षिण भारतीय साम्राज्यों पर केवल एक चैप्टर था।” उन्होंने सवाल उठाया कि चोल साम्राज्य, जो करीब 2400 साल पुराना था और जिसकी नौसैनिक शक्ति और व्यापारिक संबंध रोम तक फैले थे, उसे इतना कम महत्व क्यों दिया गया?

माधवन ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा,“तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। कोरिया में आज भी लोग आधी तमिल बोलते हैं। जैन, बौद्ध और हिंदू धर्म चीन तक फैले थे। लेकिन इन सबको किताबों में एक चैप्टर में समेट दिया गया है।” एक्टर ने तंज कसते हुए कहा कि “ये किसकी कहानी है जो हम बच्चों को पढ़ा रहे हैं? सिलेबस तय करने वालों की सोच क्या है?”

माधवन ने इस बातचीत में यह भी कहा कि भारत की संस्कृति में छिपे वैज्ञानिक ज्ञान को आज के समय में भी मज़ाक समझा जाता है, जबकि इसमें गहरा अर्थ और उपयोगिता है। उन्होंने कहा कि बदलाव जरूरी है और इतिहास का संतुलित प्रस्तुतीकरण आज की पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है।

‘केसरी: चैप्टर 2’ भी है इस सोच का हिस्सा

अपनी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘केसरी: चैप्टर 2’ को लेकर भी माधवन ने बात की। उन्होंने बताया कि यह फिल्म जलियांवाला बाग हत्याकांड से प्रेरित है और इसका उद्देश्य इतिहास की उन कहानियों को दिखाना है जो दशकों से नजरअंदाज की जाती रही हैं। उन्होंने कहा,“यह फिल्म बदलाव की दिशा में मेरा छोटा सा प्रयास है।”