जाति जनगणना पर कांग्रेस का हमला, ‘मोदी सरकार सिर्फ सुर्खियां बटोर रही, न कोई रोडमैप न समयसीमा’

KNEWS DESK-   केंद्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने के ऐलान के बाद, देश की राजनीति में नया तूफान उठ खड़ा हुआ है। कांग्रेस ने इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए सरकार की मंशा को लेकर संदेह जताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना ठोस कार्ययोजना और समयसीमा के सिर्फ सुर्खियां बटोरने में माहिर हैं।

जयराम रमेश ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब जातिगत जनगणना को लेकर निर्णय लिया गया है, तो उसकी स्पष्ट समयसीमा और रोडमैप क्यों नहीं बताया गया। उन्होंने कहा, “जनगणना कराना सिर्फ घोषणा करने से नहीं होता, इसके लिए बजट, योजना और पारदर्शिता की ज़रूरत होती है। सरकार को जवाब देना चाहिए कि आख़िर यह सब कब और कैसे होगा?”

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रमेश ने 50 फीसदी आरक्षण सीमा को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यदि सरकार वाकई सामाजिक न्याय को लेकर गंभीर है, तो उसे संविधान संशोधन कर इस सीमा को हटाना चाहिए। “जातिगत जनगणना तब तक अधूरी है जब तक कि आरक्षण पर लगी 50% की सीमा को खत्म नहीं किया जाता। कांग्रेस पहले से यह मांग कर रही है।”

जयराम रमेश ने 2019 की कैबिनेट बैठक की एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए याद दिलाया कि सरकार ने 8,254 करोड़ रुपये की लागत से 2021 में जनगणना कराने की मंजूरी दी थी, लेकिन उसे टाल दिया गया। उन्होंने कहा, “कोविड का बहाना दिया गया, जबकि 50 से ज्यादा देशों ने महामारी के बावजूद जनगणना कराई। फिर 2023 और 2024 में क्या वजह थी?”

रमेश ने मोदी सरकार से यह भी पूछा कि अगर सरकार जातिगत जनगणना को लेकर गंभीर है, तो फिर 2025-26 के बजट में जनगणना आयुक्त कार्यालय को मात्र 575 करोड़ रुपये का आवंटन क्यों किया गया? उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “क्या इससे केवल ‘खबर की हेडिंग’ तैयार करनी है या वाकई कुछ ठोस करना है?”

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