मोदी कैबिनेट ने जातीय जनगणना को दी मंजूरी, मूल जनगणना में ही होगी जातिगत आंकड़ों की गणना

KNEWS DESK-  केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जातीय जनगणना को मूल जनगणना प्रक्रिया में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। बुधवार को आयोजित कैबिनेट की समिति (CCPA) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि अब जाति आधारित गणना देश की नियमित जनगणना प्रक्रिया का हिस्सा होगी।

अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने जातीय जनगणना का सिर्फ दिखावा किया और वास्तविक आंकड़े एकत्र नहीं किए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने केवल एक सर्वे कराया और उसका उपयोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया। इसके विपरीत, मोदी सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश में सामाजिक न्याय और संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण के लिए स्पष्ट और सटीक जातिगत आंकड़े उपलब्ध हों।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कई राज्यों ने अपने स्तर पर जातिगत जनगणना कराई है, जिससे आंकड़ों में भ्रम और असमानता फैल गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की भ्रांतियों को खत्म करने के लिए जरूरी है कि जाति की गणना मूल जनगणना का हिस्सा बने।

इस फैसले के बाद देशभर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर सामाजिक न्याय की पैरवी करने वाले समूह इस फैसले को ऐतिहासिक बता रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया का भी इंतजार किया जा रहा है। जनगणना की प्रक्रिया की रूपरेखा और इससे संबंधित तकनीकी पहलुओं पर जल्द ही विस्तृत जानकारी जारी की जाएगी।

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